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भारत के राष्ट्रपति ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर श्रीमती नमिता कौल भट्टाचार्य को लिखा; राष्ट्रपति ने कहा कि अटल जी वास्तव में भारतीय राजनीति में संपूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी थे

राष्ट्रपति भवन : 17.08.2018

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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर अपना शोक व्यक्त करते हुए श्रीमती नमिता कौल भट्टाचार्य को पत्र लिखा है।

अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा है, "श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर मेरी शोक संवेदनाएं आपके साथ हैं।गहरे दु:ख के इस समय में आपके और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति मैं अपनी हार्दिक मनोव्यथा व्यक्त करता हूं।अटलजी का देहा वसान आपके और अन्य परिजनों के लिए व्यक्तिगत आघात तो है ही, मेरे लिए भी यह एक निजी क्षति है।उनके महान और गरिमा मय व्यक्तित्व ने ही मुझे सार्वजनिक जीवन के प्रति आकर्षित किया और मैं अपना कानून का प्रोफेशन छोड़कर उनका सहयोगी बनगया।उनके साथ काम करते हुए जो अनुभव मुझे प्राप्त हुए, वे अविस्मरणीय हैं। कई साल बाद भारत का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद जब मैं उनसे भेंट करने गया तो बहुत बीमार होने के बावजूद उन्होंने अपनी आँखों के इशारेसे ही मेरा अभिवादन स्वीकार किया।मैंने उन के मौन आशीर्वाद को महसूस किया।

अटल जी के जाने से, इस देश के करोड़ों लोग, उनकी कमी महसूस कर रहे हैं। वे हम सबके प्रिय प्रधानमंत्री, दुर्लभ गुणों वाले राष्ट्रीय नेता और भारतीय राजनीति की एक महान विभूति थे। अपने लम्बे और अति-विशिष्ट सार्वजनिक जीवन में, उन्होंने अनगिनत तरीकों से, असंख्य लोगों के जीवन को प्रभावित किया। एक स्वाधीनता सेनानी और चिन्तक के रूप में, लेखक और कवि के रूप में, एक सांसद और प्रशासक के रूप में और अंतत: प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश को बहुत कुछ दिया। वे भारत के राजनीतिक पटल पर, एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी के रूप में अपनी अलग पहचान रखते थे।

भारत के प्रधानमंत्री के रूप में श्री अटल जी, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निर्णायक नेतृत्व की और दबाव की स्थितियों में भी धैर्य की मिसाल थे। 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण से लेकर 1999 का करगिल युद्ध, उनकी सरकार द्वारा किए गए आर्थिक बदलाव और हमारे देश की जीडीपी को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने जैसे महान कार्य,उनके सफल कार्यकाल की उपलब्धियां और विरासतें हैं। 2015 में उन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया गया। यह हमारे देश द्वारा उनके प्रति कृतज्ञता और असीम प्रेम को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका था। ऐसे विशाल हृदय और विराट व्यक्तित्व वाली राजनीतिक विभूति का अभाव, केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में महसूस किया जाता रहेगा।

मैं, एक बार फिर अपनी हार्दिक शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और आपसे अनुरोध करता हूं कि मेरी भावनाएं परिवार के अन्य सदस्यों तथा श्री अटल जी के अनगिनत मित्रों को भी प्रेषित करें। ईश्वर आपको औरपरिवार के सभी सदस्यों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति और धैर्य प्रदान करे।”

यह विज्ञप्ति 1530 बजे जारी की गई।