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भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा, के भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षण अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 17.09.2018

भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के अलग-अलग समूहों ने आज (17 सितंबर, 2018) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द से भेंट की।

प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विधायिका के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में लेखा और लेखापरीक्षा सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विधायिका के सम्मुख नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्टें प्रस्तुत की जाती हैं और कार्यपालिका पर जवाबदेही लागू करने में इन रिपोर्टों की प्रमुख भूमिका होती है। लेखा और लेखापरीक्षा सेवा के अधिकारी जन विश्वास और वित्तीय विवेकशीलता के संरक्षक होते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान वैश्‍वीकृत दुनिया में, अर्थव्यवस्था की ताकत से ही किसी राष्ट्र की ताकत आंकी जाती है। राष्ट्रों के बीच विश्व बाजार और व्यापार में हिस्से के लिए स्पर्धा होती है। हमने विगत दो दशकों में अपने व्यापारके प्रोत्‍साहन में जहां बेहतर कार्य किया है वहीं अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। ऐतिहासिक रूप से, विश्‍व व्‍यापार में भारत का हिस्‍सा काफी बड़ा था। आज विश्व व्‍यापार में हमारे देश का हिस्सा लगभग दो प्रतिशत है। व्यापार सेवा के अधिकारियों की भी यह सुनिश्चित करने में एक अहम भूमिका है कि हमारा देश वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अपनी प्रतिष्‍ठा फिर से प्राप्‍त कर ले।

राष्ट्रपति ने कहा कि सूचना युग के बावजूद हमारी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा अभी भी उन सरकारी कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक नहीं है जिनसे उन्हें लाभ मिल सके। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी सुदूरतम स्थानों और छोटे-छोटे गांवों में रहने वाले नागरिकों तक पहुंच जाए। इस कार्य में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय सूचना सेवा अधिकारियों का दायित्व सरकार की पहुंच और संचार को प्रासंगिक, समयबद्ध, व्यावहारिक और प्रभावी बनाना है।

यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई।