Back

भारत के राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया की यात्रा के अंतिम दिन इस देश में रह रहे भारतीय समुदाय और ‘भारत मित्रों’ को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 17.09.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द स्लोवेनिया की यात्रा के अंतिम दिन (17 सितंबर, 2019), लुबल्याना में आयोजित भारतीय समुदाय और ‘भारत मित्रों’ के स्वागत समारोह में शामिल हुए; इस समारोह की मेजबानी स्लोवेनिया में भारत के राजदूत, श्री परम जीत मान ने की।

उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि स्लोवेनिया में भारतीय समुदाय एक ऐसे प्रिज्म की तरह है जिसके माध्यम से स्लोवेनिया के लोगों को भारत की छवि दिखती है। भारतीय समुदाय के लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत, सफलता और स्थानीय लोगों के प्रति गर्मजोशी ने इस देश में भारत की सकारात्मक छवि बनाने में योगदान दिया है।

राष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय से भारत आने और वहां हो रहे परिवर्तनकारी बदलावों का प्रत्यक्ष अनुभव करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर जुड़े,हमारे प्रौद्योगिकी-कुशल और उद्यमी युवा इस बदलाव में सबसे आगे हैं। हम एक ऐसा नया भारत बनाने में प्रवासी भारतीयों का समर्थन और भागीदारी चाहते हैं, जहां सभी का विकास और प्रगति हो।

राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया में भारत के प्रति और भारतीय रीति-रिवाजों, आस्थाओं तथा जीवन-शैली के प्रति ‘भारत मित्रों’ के प्रेम की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और स्लोवेनिया के बीच परस्पर समझ-बूझ बढ़ाने में उन्होंने जो भूमिका निभाई है, वह सराहनीय है। उन्होंने सांस्कृतिक संस्थाओं, नृत्य और योग विद्यालयों, आयुर्वेद केन्द्रों और भारतीय रेस्तरांओं के नेटवर्क बनाने में उनके द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की।

कल (16 सितंबर, 2019), राष्ट्रपति ने लुबल्याना में ‘भारत-स्लोवेनिया व्यापार-मंच’ को संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि आज, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है। स्लोवेनियाई कंपनियों को भारत में पूर्णतः परिवर्तित कारोबारी माहौल मिलेगा, जिसकी एक अच्छी बानगी यह है कि विश्व व्यापार सुगमता सूचकांक में पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत ने 65 स्थानों की असाधारण छलांग लगाई है। ‘माल और सेवा कर’ की निर्णायक शुरूआत से इतिहास में पहली बार, 130 करोड़ लोगों के देश भारत ने, ‘एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार’ में स्वयं को परिवर्तित कर दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में अवसंरचनात्मक परिदृश्य में तेजी से प्रगति हो रही है। हाई-स्पीड रेलवे से लेकर देशव्यापी एक्सप्रेसवे तक की उन्नत परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी से ई-कॉमर्स, ई-सेवाओं और वित्तीय-तकनीकी सेक्टरों को ऊर्जा प्राप्त हो रही है। भारत के ‘रुपे भुगतान कार्ड’ की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहले से अधिक गहरी पैठ बन रही है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय ने भारत को ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ के लिए सबसे पसंदीदा स्थान के रूप में चुनकर इन परिवर्तनों को अपना विश्वास-मत प्रदान किया है।2018-19 में, हमें 44.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ। व्यापार, प्रत्यक्ष निवेश और संयुक्त उपक्रमों के माध्यम से भारतीय उद्योग भी दुनिया में हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रहा है। उन्होंने कहा, भारत और स्लोवेनिया दोनों देशों की अपनी-अपनी विशिष्ट देश आर्थिक शक्ति है और आपसी विकास तथा समृद्धि के लिए ये दोनों एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्लोवेनिया में उच्च-प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, नवाचार, स्मार्ट समाधान और छोटे पैमाने पर सटीक विनिर्माण के क्षेत्र में बहुत क्षमता मौजूद है। स्लोवेनिया की ‘स्मार्ट विशेषज्ञता’ की रणनीति और भारत के विकास के बीच, नए युग की साझेदारी हो सकती है। हम चाहते हैं कि स्लोवेनिया हमारे प्रमुख कार्यक्रमों जैसे- ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ में हमारे साथ सहयोग करे। पर्यावरण के क्षेत्र में, हम स्लोवेनिया के तकनीकी कौशल से लाभान्वित होना चाहते हैं। हम शहरी अवसंरचना और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में भी स्लोवेनिया से सीखने के लिए उत्सुक हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्लोवेनिया अपने देश के विकास में आईटी, फार्मा, बायोटेक, हेल्थकेयर सेवाओं, ऑटोमोबाइल, आयुर्वेद, ऊर्जा और अवसंरचना के क्षेत्र में भारतीय क्षमता का उपयोग कर सकता है। गहन प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में कुशल संसाधन प्रदान करके, भारत स्लोवेनिया के विकास में भी भागीदार बन सकता है।

कल, राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, श्री देजान ज़िदान से भी मुलाकात की। बाद में शाम (17 सितंबर, 2019) को, राष्ट्रपति आइसलैंड, स्विटजरलैंड और स्लोवेनिया की राजकीय यात्रा के सफल समापन के बाद नई दिल्ली की ओर हवाई यात्रा आरंभ करेंगे।