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भारत के राष्ट्रपति ने प्रिसीडेन्ट्स बॉडीगार्ड को सिल्वर टंरपेट एण्ड टंरपेट बैनर प्रदान किए

राष्ट्रपति भवन : 17.11.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (17 नवम्बर, 2017) राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में प्रिसीडेन्ट्स बॉडीगार्ड को सिल्वर टं्रपेट एण्ड टं्रपेट बैनर प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पीबीजी को एक सिल्वर टं्रपेट बैनर प्रदान करने में खुशी हुई है। राष्ट्रपति निजी ट्रूप ग्रुप के राष्ट्रपति बाडीगार्ड ने हमारे देश की व्यावसायिक उत्कृष्टता और विशिष्ट सेवा के उच्चतमक स्टेण्डर्ड को प्राप्त किया है। पीबीजी के व्यक्तियों में हार्समेन, पैराटूपर्स, टैंकमेन और सामारोहिक कर्त्तव्यों से परिपूर्ण प्रशिक्षित भारतीय सेना में रेजिमेंट शामिल थे। यह उन्हें हमारे सैनिक बलों में एक विशेष स्थान प्रदान करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि राष्ट्रपति के बॉडी गार्ड के योद्धाओं ने हमारे देश के मुख्य युद्धों और श्रीलंका में इंडियन पीसकीपिंग फोर्स और सियाचिन ग्लेशियर में देश की सेवा की है। उन्हें यूनाइटेड नेशन्स पीसकीपिंग मिशनों के एक भाग के रूप में समुद्र पार भी नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति बॉडीगार्ड भारतीय सेना में सबसे पुरानी रेजिमेन्ट है जो गवरर्नर जनरल के बॉडी गार्ड, बाद में 1773 में वायसराय के बॉडीगार्ड के रूप में नियुक्त की गई। भारत के अपने गार्ड के राष्ट्रपति के रूप में, इसे भारतीय सेना के एकल सैन्य एकक यूनिट होने का अपूर्व गौरव प्राप्त है जिसे राष्ट्रपति सिल्वर सिल्वर टं्रपेट एण्ड टं्रपेट बैनर धारण करने का अधिकार प्राप्त है। यह विशिष्टता प्रिसीडेन्ट बॉडीगार्ड को 1923 में तत्कालीन वाइसराय, लॉर्ड रीडिंग द्वारा बॉडीगार्ड के सेवा के 150 वर्ष पूरे करने पर प्रदान की गयी थी। प्रत्येक अनुवर्ती वायसराय ने उसके बाद बॉडीगार्ड को सिल्वर टं्रपेट एण्ड टं्रपेट बैनर प्रदान किया।

27 जनवरी 1950 को रजीमेन्ट को पुन: बॉडीगार्ड का नाम दिया गया। प्रत्येक राष्ट्रपति ने रेजीमेंट को सम्मान देने का अभ्यास जारी रखा। बल्कि सेना का एक, जैसा कि उपनिवेश युग में अभ्यास था, राष्ट्रपति का मोनोग्राम बैनर पर छपा हुआ है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, भारत के प्रथम राष्ट्रपति ने 14 मई, 1957 को राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड को सिल्वर टं्रपेट एण्ड टं्रपेट बैनर प्रदान किया।

यह विज्ञप्ति 1815 बजे जारी की गई