भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा तथा केन्द्रीय इंजीनियरी सेवा (सड़क) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भारत के राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 18.03.2019
भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा (आईएएएस)और केन्द्रीय इंजीनियरी सेवा (सड़क) के प्रशिक्षु अधिकारियों के अलग-अलग समूहों ने भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द से आज (18 मार्च, 2019) राष्ट्रपति भवन में एक साथ मुलाकात की।
प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि आईएएएस अधिकारी विधायिका के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस उत्तरदायित्व को लागू करने में विधायिका को सौंपी गई सीएजी की रिपोर्टों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। आईएएएस के अधिकारी के रूप में वे जनता के विश्वास और वित्तीय विवेक के संरक्षक होते हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें यह सलाह दी कि वे हमेशा ध्यान में रखें कि शासन की कार्यनीतियों में सुधार लाना ही लेखापरीक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, आईएएएस अधिकारियों द्वारा निकले गए निष्कर्षों की विश्वसनीयता से ही लेखापरीक्षा की उपयोगिता का निर्धारण होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय इतिहास में सड़क और राजमार्ग विकास के सर्वाधिक रोमांचक चरणों में से एक के इस दौर में, केन्द्रीय इंजीनियरी सेवा (सड़क) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब चुनौती केवल अधिक से अधिक सड़कों के निर्माण करने की ही नहीं है, बल्कि बेहतर और सुरक्षित सडकों के निर्माण की है। परियोजनाओं की तैयारी के समय सड़कों को दीर्घकालिक परिदृष्य में अधिक टिकाऊ और किफायती बनाने के लिए, नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग महत्वपूर्ण कारक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में जैसे-जैसे ऑटोमोबाइल ट्रैफ़िक बढ़ रहा है वैसे-वैसे ही गति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे सामने आ रहे हैं। भारत में यातायात दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या सामान्य से बहुत अधिक है। उन्होंने इंजीनियरों से आग्रह किया कि वे इस समस्या पर ध्यान दें और भारत में सड़क दुर्घटनाओं को यदि पूरी तरह से खत्म न भी कर सकें तो इन्हें कम करने के प्रयास करें।
यह विज्ञप्ति 1900 बजे जारी की गई।