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राष्ट्रपति कोविन्‍द ने यूनानी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक कीं; उन्होंने शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया

राष्ट्रपति भवन : 18.06.2018

यूनान की राजकीय यात्रा पर गए, भारत के राष्‍ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द ने आज (18 जून, 2018) अपने औपचारिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। उन्‍होंने अपने समकक्ष,राष्ट्रपति श्री प्रोकोपिस पावलोपाउलस से प्रेसिडेंशियल पैलेस में भेंट की, जहां बैठक से पहले उनका समारोहिक स्वागत किया गया।

यूनानी राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक और शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के दौरान राष्ट्रपति कोविन्‍द ने दोनों राष्ट्रों के बीच युगों पुराने सभ्यतागत संबंधों पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और यूनान में लोकतंत्र,विधि में शासन और बहुसांस्कृतिक लोकाचार से युक्‍त साझे जीवन मूल्‍य मौजूद हैं और इनसे हमारे द्विपक्षीय और बहुस्तरीय संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। राष्ट्रपति ने विचार व्यक्त किए कि भारत, विशेषकर राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में यूनान के साथ वर्तमान सहयोग को बढ़ाने के लिए उत्‍सुक है।

राष्ट्रपति कोविन्‍द ने दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार और निवेश संबंध बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 530 मिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हम दोनों की क्षमता से कम है तथा दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार के विस्तार और विविधीकरण के लिए और ज्यादा प्रयास किए जाने होंगे। उन्होंने यूनान के शिष्टमंडल को बताया कि भारत ने ‘सम्मानित देश’के रूप में प्रतिष्ठित ‘तेसोलोनिकी इंटरनेशनल फेयर, 2019’में भाग लेने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

उन्होंने देश में कारोबारी वातावरण के सुधार के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी यूनानी शिष्टमंडल को अवगत कराया और कहा कि भारत की विकास गाथा में साझेदार बनने के लिए भारत,यूनानी कंपनियों के साथ सहयोग करने का इच्छुक है। भारत विशेष रूप से नौवहन,खाद्य और डेयरी तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में यूनान की दक्षता से लाभान्वित हो सकता है। दूसरी ओर,भारतीय कंपनियां औषध, सूचना प्रौद्योगिकी,कृषि, रियल इस्टेट,बुनियादी ढांचे और स्टार्ट-अप के क्षेत्र में यूनान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उत्सुक हैं।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सीट तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के प्रति भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए यूनान का आभार व्‍यक्‍त किया।

भारत-यूनान सांस्कृतिक संबंधों के विषय पर राष्ट्रपति ने कहा कि शताब्दियों से एक-दूसरे के साथ संपर्क में रहने वाली दो प्राचीन सभ्यताओं के रूप में हमारे बीच आपस में गहरी सांस्कृतिक समझ मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा किदोनों देशों के लोगों के स्वास्थ्यचर्या विकल्पों के तौर पर यूनानी और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए मिलकर कार्य किया जाना चाहिए।

शिष्टमंडल स्तरीय बातचीत के बाद, राष्ट्रपति यूनान के प्रधानमंत्री श्री एलेक्सिस सीपार्ससे भी मिले और दोनों नेताओं ने दोनों राष्ट्रों के आपसी हित के भिन्‍न-भिन्‍न मुद्दों पर विचार विमर्श किया। बाद में यूनानी गणराज्य में प्रतिपक्ष के नेता,श्री किरियाकूस मित्‍सोताकिस ने भीराष्ट्रपति से भेंट की।

आज के दिन तीन समझौता ज्ञापनों (i) मानकीकरण के क्षेत्रों में सहयोग पर भारतीय मानक ब्यूरो तथा नेशनल क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम और हैलेनिक ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन के बीच समझौता ज्ञापन; (ii)राजनयिक प्रशिक्षण में सहयोग पर विदेश सेवा संस्थान,भारत और डिप्लोमेटिक एकेडमी, ग्रीस के बीच समझौता ज्ञापन और (iii) वर्ष 2018-2020 के लिए सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए।

बाद में शाम को, राष्ट्रपति ने फलेरून इण्डियन क्रीमेशन मेमोरियल, जहां द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वाले अविभाजित भारत के 74 सैनिकों के भस्‍मावशेष दफन हैं,पर पुष्प चक्र अर्पित करेंगे। राष्ट्रपति,यूनान के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित राजभोज में भी भाग लेंगे।

यह विज्ञप्ति 2000 बजे जारी की गई।