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भारत के राष्ट्रपति ने भारत-फिलीपींस व्यापार सम्मेलन और चौथे आसियान-भारत व्यापार सम्मेलन को संबोधित किया; उन्होंने भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए आसियान व्यापार समुदाय को आमंत्रित किया

राष्ट्रपति भवन : 19.10.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (19 अक्टूबर, 2019) मनीला, फिलीपींस में भारत-फिलीपींस व्यापार सम्मेलन और चौथे आसियान-भारत व्यापार सम्मेलन को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि फिलीपींस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने की खूब गुंजाइश है। व्यापार संभावनाओं के संबंध में दोनों देश एक दूसरे के परस्पर पूरक हैं; इनका उपयोग व्यापार और निवेश संबंधों को बेहतर करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का "मेक इन इंडिया" और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम तथा फिलीपींस को "बिल्ड, बिल्ड, बिल्ड" की अवसंरचनात्मक पहल से दोनों देशों की कंपनियों और निवेशकों के लिए अपार अवसर उत्पन्न हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि फिलीपींस और भारत की व्यापार गाथाएं उत्साहजनक हैं। एक ओर जहां द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर प्रगति देखी जा रही है, वहीं आईटी-बीपीओ क्षेत्र में समन्वय से हमें वास्तविक रूप में लाभ हुआ है। जैसे-जैसे हम डिजिटल युग में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हमारे समक्ष ई-कॉमर्स की आवश्यकताओं को पूरा करने, वित्तीय-तकनीकी सेवाओं के सृजन, कल्पनाशील मनोरंजन प्लेटफार्मों का विकास करने, और हरित तथा स्वच्छ समाधान विकसित करने के अपार अवसर सामने आने हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में, भारत और फिलीपींस में बुनियादी ढाँचे और ऊर्जा क्षेत्रों में दो तरफा निवेश में वृद्धि हुई है। एयरपोर्ट टर्मिनलों से लेकर, एलएनजी पाइपलाइनों, और अपशिष्ट प्रबंधन समाधानों तक कई क्षेत्रों में संभावनाओं को ठोस परियोजनाओं में परिवर्तित करने की जरूरत दिखाई दे रही है। भारत के भारतीय फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्र में फिलीपींस के लिए बहुत अवसर मौजूद हैं। व्यापार, निवेश, सेवा क्षेत्र, कृषि, इंजीनियरिंग से लेकर नई प्रौद्योगिकियों तक - कई अन्य क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की गुंजाइश है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आसियान आज दुनिया में आर्थिक रूप से सर्वाधिक गतिशील क्षेत्रों में से एक है। आसियान के प्रत्येक देश के साथ भारत के राजनैतिक संबंध और लोगों से लोगों के बीच के संबंध बहुत गहरे हैं। हम अपने आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को भी इसी स्तर तक लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आसियान और भारत के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, 2022 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें अभी भी लंबी दूरी तय करनी है। मौजूदा तंत्र, विशेषकर आसियान-भारत व्यापार परिषद का प्रभावी रूप से उपयोग कर इस लक्ष्य को काफी हद तक प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भारतीय कंपनियों को इस क्षेत्र में अनेक लाभप्रद अवसर दिखते हैं, उन्होंने विश्वास जताया कि उसी तरह से आसियान व्यापार समुदाय भी भारत में उत्पन्न अपार व्यापारिक क्षमताओं को पहचानेगा। उन्होंने कहा कि भारत आसियान की विकास-गाथा में भागीदार बनना चाहता है और आसियान के सभी सदस्य देशों को भारत की विकास-गाथा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।

आज सुबह, राष्ट्रपति ने उन बच्चों के माता-पिता के साथ मुलाकात और बातचीत की, जिन्होंने ‘फिलीपीन-इंडिया पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम’ के तहत भारत में लिवर ट्रांसप्लांट कराया था। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि फिलीपींस में भारत की पहल से, यहां के लोगों की समस्याओं और जीवनदायी परियोजनाओं को कार्यान्वयन के दायरे में लाने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन से ज्यादा मूल्यवान कुछ भी नहीं है। और माता-पिता के लिए अपने बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी खुशहाली से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ हो ही नहीं सकता है। इसलिए आज स्वस्थ, प्रसन्नचित्त बच्चों को देखना और उनके माता-पिता के चेहरों पर मुस्कान देखना वास्तव में मेरे लिए बहुत मार्मिक अनुभूति है। उन्होंने फिलीपींस और भारत के बीच इस मानवीय संबंध को स्थापित करने में सहायक बने सभी हितधारकों को बधाई दी।

महावीर फिलीपींस फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति फिलीपींस विश्वविद्यालय के मनीला संग्रहालय भी गए।