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भारत के राष्ट्रपति ने विश्व तेलुगू सम्मेलन के समापन समारोह के अवसर पर संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 19.12.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आज (19 दिसम्बर, 2017) हैदराबाद में विश्व तेलुगू सम्मेलन समापन समारोह के अवसर पर संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज तेलुगू विश्व भाषा बन चुकी है। यह सभी महाद्वीपों में सुनी और बोली जाती है और पसन्द की जाती है। यह उद्यम और प्रौद्योगिकी, भारतीय सौम्य शक्ति और एक सक्रिय तेलुगू बोलने वाले प्रवासी समुदाय की भाषा है जिसने हमारे देश के लिए नाम कमाया है। यद्यपि यह भाषा दूर-दूर तक फैली हुई है, तेलुगू प्रवासी समुदाय की अपनी मातृ भाषा भी है और इसकी अपने पूर्वजों की भूमि के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि तेलुगू को अकसर हमारे देश के दक्षिण और उत्तर का सेतु कहा जाता है। तेलुगू लोगों की तरह यह मिली-जुली है और इसमें अन्य संस्कृतियो से शब्दों, विचारों और सोच का सम्मिश्रण है। तेलुगू ने संस्कृत, अरबी, उर्दू और अंग्रेजी, अन्य भाषाओं में से भी शब्दों को अपने में शामिल किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हैदाराबाद शहर भी हमारे देश की अनेक संस्कृतियों और क्षेत्रों के बीच सेतु है। यह एक अखिल भारतीय शहर है और वैश्विक महानगर भी है। इसके तकनीकी उद्योग, दवा कंपनियों और वैक्सीन नवान्वेषकों ने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह शैक्षिक संस्थानों और स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों, सिनेमा और स्पेशल इफेक्ट्स वाले प्रोडक्शन घरानों और खेल सुविधाओं में अग्रणी रूप से प्रोत्साहन दे रहा है। यह प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का विषय है।

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 2016 में राज्यों के कारोबार करने की आसानी में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना जैसे नए राज्य के लिए तेजी से कदम उठाना और इस प्रकार की क्षमता का प्रदर्शन करना एक कारोबार और औद्योगिक स्थान के रूप में श्रेयस्कर है। उन्होंने तेलंगाना के लोगों और सरकार को बधाई दी और हाल ही में वैश्विक उद्यमीकरण सम्मेलन के सफल आयोजन की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों तेलुगू बोलने वाले राज्यों (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश) की निरंतर सफलता पर्याप्त संतोष का विषय है।

यह विज्ञप्ति 1950 बजे जारी की गई