राष्ट्रपति ने सऊदी अरब के युवराज की मेजबानी की; उन्होंने कहा कि भारत सऊदी अरब के ‘विज़न 2030’ में साझेदार बनना चाहता है
राष्ट्रपति भवन : 20.02.2019
भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (20 फरवरी, 2019) राष्ट्रपति भवन में, सऊदी अरब के युवराज, उप-राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में राजभोज भी आयोजित किया।
अपनी पहली राजकीय यात्रा पर भारत आए युवराज मोहम्मद बिन सलमान का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि सऊदी अरब के साथ भारत के सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत खाड़ी क्षेत्र को अपने विस्तारित पड़ोस के रूप में देखता है। भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विस्तार की संभावनाओं का तक़ाजा है कि दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक भागीदारी और सभी स्तरों पर लगातार बातचीत होती रहनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में काफ़ी वृद्धि हुई है। हालाँकि, आगे और बढ़ोत्तरी की संभावना मौजूद है। सऊदी अरब हमारी ऊर्जा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है। अब हमें वर्तमान क्रेता-विक्रेता संबंध को रणनीतिक स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सऊदी अरब के 'विज़न 2030' में भागीदार बनना चाहता है। ये सभी लक्ष्य, हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच पूरक भूमिका निभाने वाला है।
इसके बाद, राष्ट्रपति कोविन्द ने अपने राजभोज अभिभाषण में कहा कि हम हम सऊदी अरब को इस क्षेत्र में और इसके परे भी, स्थायित्व लाने वाला घटक मानते हैं। भारत सऊदी अरब के विकास और तरक्की के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय साझेदार बनना चाहता है। सऊदी अरब में काम कर रही हमारी कंपनियों ने, ख़ासकर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, जो कि भारत की ताक़त है, काफ़ी निवेश किया है और रोजगार पैदा किए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भारत और सऊदी अरब को, और सही मायनों में, पूरे वैश्विक समुदाय को, इन शैतानी ताकतों का समूल नाश करने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए और कट्टरपंथियों का मुकाबला करना चाहिए। ऐसे कृत्यों के लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं, उनके लिए हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और उनके साथ कठोरता से एवं निर्णायक ढंग से निपटने की आवश्यकता है।
यह विज्ञप्ति 2110 बजे जारी की गई।