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भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया; उन्होंने कहा कि विश्व के साथ विचार-विनिमय से हमारे नीतिगत विकल्पों और हमारे विकास में योगदान मिला है और हमें इस पर गर्व करते रहना चाहिए

राष्ट्रपति भवन : 20.07.2018

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द ने आज 20 जुलाई, 2018 खड़गपुर, पश्चिम बंगाल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के 64 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि आईआईटी, खड़गपुर की शुरुआत एक समिति की संस्‍थापना से हुई; यह समिति सरकार द्वारा स्वतंत्रता के तुरंत बाद तकनीकी शिक्षा का जायजा लेने के लिए गठित की गई थी। नोबेल पुरस्‍कार विजेता ब्रिटिश विद्वान डॉ. ए.वी. हिल ने समिति की अध्यक्षता की। जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के एमआईटी की तर्ज पर एक संस्थान की स्थापना की सिफारिश की। इस संस्थान की परिकल्‍पना के लिए दुनिया के विशेषज्ञों की मदद लेना उचित ही था। गुज़रे वर्षों में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और वास्तव में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नेटवर्क और समुदाय विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण गवाक्ष बन गया है। यह स्थिति, हमारे देश और हमारी सभ्यता की प्रकृति के अनुरूप ही है। इंजीनियरी से लेकर अर्थशास्त्र तक, चिकित्सा से लेकर प्रबंधन तक अनेक क्षेत्रों में विचार, विशेषज्ञता और ज्ञान के आदान-प्रदान ने हमारे नीतिगत विकल्पों और हमारे देश के विकास में योगदान दिया है। हमें इस पर गर्व करते रहना चाहिए।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर का शैक्षिक स्वरुप विविधतापूर्ण और परस्पर विषयी है, इससे अनेक संस्थानों के साथ संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों की शुरुआत हो सकी है। इनमें भारतीय सांख्यिकी संस्थान, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस तथा टाटा मेडिकल सेंटर शामिल हैं। ये सभी संस्‍थान कोलकाता में स्थित हैं। चाहे कृषि पैदावार हो या उभरते हुए संक्रामक रोग हों, चाहे नवीकरणीय ऊर्जा हो या कम लागत वाले मकानों और सतत शहरों का निर्माण हो। अपनी ज्ञान संपदा के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर को, हमारी इन गंभीर समस्याओं के समाधान खोजने में मदद करके राष्ट्र का मार्गदर्शन जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन बिग डेटा एनालाइटिक्स फॉर रूरल डेवलपमेंट’ स्थापित करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें बड़ी संख्‍या में हमारे देशवासियों की बेहतरी की व्यापक क्षमता मौजूद है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देशभर में जिन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की उन्होंने यात्रा की है, उनमें उन्होंने पाया है कि छात्राओं ने छात्रों के मुकाबले अधिक पदक और पुरस्कार जीते हैं; लेकिन जब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की बात आती है तो छात्रों की प्रवेश संख्या दुखद रूप से कम होती है। 2017 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एडवांस्ड) में लगभग 1,60,000 उम्मीदवार शामिल हुए। उनमें लड़कियां केवल 30,000 थीं। 2017 में 10878 विद्यार्थियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की स्नातक कक्षा में प्रवेश लिया। उनमें केवल 995 लड़कियां थीं। उन्होंने गौर किया है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर में नामांकित 11653 विद्यार्थियों में से लड़कियां केवल 1925 हैं, जो 16% से कुछ ही अधिक बैठती हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलना होगा। हमें इस संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। उच्चतर शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा हमारे देश के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी आने वाले दशक में ही तर्कसंगत और स्वीकार्य स्तर तक बढ़ानी होगी। इसे एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना चाहिए तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान समुदाय को इसमें विशेष भूमिका निभानी चाहिए।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर, सावित्रीबाई फुले गर्ल्स हॉस्टल तथा एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल विजिटर्स गेस्ट हाउस की भी आधारशिला रखी।

यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई।