भारत के राष्ट्रपति ने असम में नमामि बराक उत्सव के समापन समारोह में भाग लिया
राष्ट्रपति भवन : 20.11.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (20 नवम्बर, 2017) असम में नमामि बराक उत्सव के समापन समारोह में भाग लिया और संबोधन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि बराक घाटी इसे भौगोलिक स्थिति अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापर के लिए एक हब बनने की क्षमता प्रदान करती है। इस क्षमता को प्राप्त करने के लिए अनेक संपर्क संबद्ध पहलें की गई हैं। ‘ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर’ का उत्तर पूर्वी भाग जो असम के कचार और गुजरात के कच्छ तक जाता है - सिलचर से शुरू होता है। एक ब्रोड-गौज की रेलवे लाइन जो अगरत्तला को दिल्ली से जोड़ती है, बराक वैली से होती हुई जाती है। इन सबसे व्यापार और पर्यटन में लाभ होगा।
क्रॉस बॉर्डर पहलो पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि करीमगंज जिले में अवस्थित बॉर्डर ट्रेड सेंटर के माध्यम से बंग्लादेश में व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। असम सहित उत्तर पूर्व की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाते हुए एक्ट ईस्ट पॉलिसी के अंतर्गत भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि व्यापार की वृद्धि के लिए दक्षिणपूर्व एशिया और भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र के बीच व्यापार संपर्क के लिए प्रचुर संभावना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा अवसंरचना के विकास से यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य का एक संवाहक बनेगा।
इसके पश्चात् राष्ट्रपति ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय में आयोजित सिविक समारोह में भाग लिया। वहां सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि असम भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र का गेटवे है। उन्होंने राज्य के समृद्ध भौगोलिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता की सराहना की। असम ने तेल और प्राकृतिक गैस, चाय और सिल्क जैसे उद्योगों का विकास किया। आधुनिक अवसंरचना तैयार करके असम और समस्त उत्तरपूर्व का भविष्य और भी बेहतर हो जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन उद्योग का असम में बेहद स्कोप है। काजीरंगा और मानस नेश्नल पार्कों के कारण पर्यटन मानचित्रों में यह राज्य पहले ही एक बहुत महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पर्यटन के लिए सही पारितंत्र सुविधाएं देने से असम के पर्यटन के आर्थिक और सामाजिक लाभों को कई गुणा बढ़ा सकती है।
यह विज्ञप्ति 1840 बजे जारी की गई