भारत के राष्ट्रपति ने वियतनाम की नेशनल असेंबली को संबोधित किया; शिष्टमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया; उन्होंने कहा कि वियतनाम भारत की “एक्ट ईस्ट” नीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है
राष्ट्रपति भवन : 20.12.2018
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने अपनी वियतनाम यात्रा के अंतिम दिन, हनोई में आज (20 नवम्बर, 2018) वियतनाम की नेशनल असेम्बली को सम्बोधित कियाl उन्होंने वियतनाम के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लिया और साथ ही शिष्ट मण्डल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व भी कियाl इस अवसर पर, दोनों देशों ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किएl
. वियतनाम के सूचना और संचार मंत्रालय और भारत के संचार मंत्रालय के बीच करार
. प्रांतीय विदेश विभाग, विदेश मंत्रालय, वियतनाम और वियतनाम में इंडियन बिजनेस चैंबर के बीच सहयोग समझौता
. हो ची मिन्ह नेशनल एकेडमी ऑफ पॉलिटिक्स, हनोई और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के बीच शैक्षिक करार
. भारतीय उद्योग परिसंघ और वियतनाम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बीच करार
आज सुबह, नेशनल असेंबली के सदस्यों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति कोविन्द ने नोट किया कि वियतनाम पहला आसियान और दक्षिण पूर्व एशियाई देश है जिसकी यात्रा, उन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में कीlउन्होंने कहा कि वियतनाम सदैव हमारे दिलो-दिमाग में रहता है। भारत की "एक्ट ईस्ट” नीति में इसकी अति महत्वपूर्ण भूमिका है। राष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि वियतनाम के साथ भारत के संबंधों के कई आयाम हैं। हमारे बीच व्यवसायिक, राजनीतिक और परस्पर जन संबंध बहुत ही अच्छे हैं। हम दोनों ही भारत प्रशांत क्षेत्र के वाणिज्य, सुरक्षा और स्थायित्व में सहभागी हैंl
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक ऐसा समन्वय मॉडल प्रस्तुत करता है जिसमें वह अपने मित्रों को कोई विकल्प चुनने की स्थिति में डालने के स्थान पर विकल्प विस्तार की संभावना पेश करता है और सभी के लिए अवसरों के विस्तार की स्थिति उपलब्ध कराता है; जिससे एक नहीं अपितु कई रास्ते खुलते हैं। भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक संरचना हेतु भारत ने, आसियान की एकजुटता और केन्द्रीयता तथा आसियान-संचालित व्यवस्थाओं कानिरंतर समर्थन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि समुद्री तंत्र वियतनाम और भारत के लिए तथा कई और देशों और समुदायों के लिए संसाधन उपलब्ध कराता है।भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए वियतनाम और भारत की एक सोच है, जिसमें दक्षिणी चीन सागर एक महत्वपूर्ण घटक है।हम दोनों चाहते हैं कि यहां नियम आधारित व्यवस्था का पालन हो, जो सहिष्णुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने वाली हो और जो नौपरिवहन तथा हवाई परिचालन के साथ-साथ बेरोकटोक, नियमानुसार व्यापार सुनिश्चित करने वाली हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ावा देना चाहता है- उदाहरण के तौर पर, 2019 की शुरुआत में वियतनाम द्वारा आयोजित की जाने वाली हमारी पहली द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा वार्ता से भारत को बहुत आशाएं हैं। समुद्री सुरक्षा, समुद्री डाकाजनी, और समुद्री रास्ते से नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे कुछ मुद्दे दोनों ही देशों के लिए चिंता का विषय हैं। राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि, "मुझे यकीन है कि हमारे देशों के नौ सेना और तट रक्षक बलों द्वारा एक दूसरे के बंदरगाहों के नियमित और मैत्रीपूर्ण दौरे के कार्यक्रमों से आपसी सहयोग बढ़ेगा।”
आज सुबह ही, एक अन्य कार्यक्रम में, राष्ट्रपति ने वियतनाम राष्ट्र नायकों और शहीदों के स्मारकों के साथ-साथ हो ची मिन्ह की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कीlउसके बाद, वे प्रेसिडेंशियल पैलेस गए, जहाँ राष्ट्रपति नुयेन फु त्रुंग ने उनकी अगवानी की और उनका समारोहिक स्वागत किया।
बाद में, राष्ट्रपति नुयेन फु त्रुंग के साथ चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति ने उनके द्वारा किए गए भव्य अतिथि सत्कार के लिए उनको धन्यवाद दिया।राष्ट्रपति ने कहा कि कल दा नांग की उनकी यात्रा यादगार रही।चाम मंदिर परिसर हमारी साझी विरासत का बेहतरीन पहलू हैlतत्पश्चात्, राष्ट्रपति ने शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया।उन्होंने कहा कि भारतीय निवेशक वियतनाम में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के इच्छुक हैंlभारत नवीकरणीय ऊर्जा, अवसंरचना, कृषि, वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स तथा तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में भारतीय निवेश बढ़ाने में वियतनाम का समर्थन चाहता हैlभारत, कृषि उत्पादकता बढ़ाने में भी वियतनाम का सहयोग चाहता हैl
राष्ट्रपति ने अपनी वियतनाम यात्रा पर एक मीडिया विवरण जारी कियाl
आज दोपहर बाद राष्ट्रपति, वियतनाम के प्रधानमंत्री, श्री नुयेन जुन फुक के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगेlइसके तुरंत बाद वियतनाम के राष्ट्रपति, श्री नुयेन फु त्रुंग द्वारा भारत के राष्ट्रपति के सम्मान में राजभोज आयोजित किया जाएगाlउसके पश्चात् राष्ट्रपति कोविन्द वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया की अपनी दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो जाएंगे।
यह विज्ञप्ति 1130 बजे जारी की गई