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भारत के राष्ट्रपति ने राउरकेला इस्पात संयंत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 21.03.2021

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कहा कि यह जरूरी है कि समग्र विकास के लिए, औद्योगिक गतिविधि के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक संरचना भी मजबूत होती रहे। वे आज (21 मार्च 2021) राउरकेला इस्पात संयंत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि औद्योगिक विकास के क्रम में राउरकेला इस्पात संयंत्रकी भूमिका एक मजबूत आधारशिला की रही है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह जरुरी है कि किसी देश के समग्र विकास के लिए, औद्योगिक गतिविधि के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक संरचना भी मजबूत होती रहे। उन्होंने कहा कि राउरकेला इस्पात संयंत्र इस संबंध में संवेदनशील रहा है। इसने न केवल औद्योगिक गतिविधियों बल्कि हेल्थकेयर, शिक्षा, संस्कृति, खेल आदि के क्षेत्र में भी परिवर्तन लाने के सचेत प्रयास किए गए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि अब तक, इस क्षेत्र में कोई सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी। लगभग छह वर्ष पहले, प्रधानमंत्री जी ने इस्पात जनरल हॉस्पिटल को सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने की योजना सामने रखी थी।लोगों की सेवा के लिए आज यह उन्नत अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल से न केवल ओडिशा की, बल्कि पड़ोसी राज्यों - झारखंड और छत्तीसगढ़ की - विशेषज्ञ चिकित्सा संबंधी आवश्यकता पूरी करने में भी मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन के दो महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं –पहला - शिक्षा, और दूसरा - हेल्थकेयर। मानव सभ्यता के विकास में इन दोनों का सर्वाधिक योगदान रहा है। लेकिन, बीते वर्ष में, हेल्थकेयर के महत्व की ओर पूरी दुनिया का ध्यान गया है। समूचे विश्व में, सभी क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी ने अपना विकराल रूप दिखाया।इस कठिन समय में, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हमारे भाई-बहनों ने कोरोना वायरस के रूप में हमलावर हुए एक अदृश्य और अज्ञात शत्रु के विरुद्ध असाधारण लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि राउरकेला और आसपास के क्षेत्रों में, ‘सेल’ की चिकित्सा टीमों ने अथक प्रयास करके लोगों की प्राण-रक्षा करने का सराहनीय काम किया।उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर कम्यूनिटी द्वारा की गई निस्वार्थ सेवाओं और मानवता के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्र हमेशा उन सबका ऋणी रहेगा।

राष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके दृढ़ प्रयासों से ही यह संभव हो सका कि भारत में इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आरम्भ किया गया है। इसके साथ ही, भारत न केवल वैक्सीन के निर्माण में आत्मनिर्भर हो रहा है, बल्कि हम अब अन्य देशों को निशुल्क या बहुत कम मूल्य पर वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक भी दिए हैं। एक सबक यह है कि एक राष्ट्र के रूप में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार और इसे सभी के लिए समान रूप से सुलभ बनाने के लिए हमें निरंतर प्रयास जारी रखना चाहिए। हाल के समय में, हमने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में काफी निवेश किया है, और इसके पीछे हमारा उद्देश्य यह है कि अल्प-सुविधा प्राप्त लोगों और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँच बनाने के लिए हेल्थकेयर कवरेज का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि माध्यमिक(Secondary) और तृतीयक(tertiary) हेल्थकेयर तक लोगों की पहुंच में सुधार लाना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि ‘आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।