भारत के राष्ट्रपति ने सूरीनाम में चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया; उन्होंने कहा कि योग मानव मात्र की अमूर्त विरासत का एक अंग है और तनावों तथा जीवनशैली से जुड़े रोगों से भरी वर्तमान दुनिया में इससे सभी को लाभ हो सकता है
राष्ट्रपति भवन : 21.06.2018
भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द ने आज (21 जून, 2018) सूरीनाम के राष्ट्रपति श्री देसिरे दलैनो बुतरस, सूरीनाम के उपराष्ट्रपति, श्री माइकल अश्विन अधीन और अन्य गणमान्य जनों के साथ पारामारिबो, सूरीनाम में चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया।
जनसमूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है, परंतु यह अकेले भारत की ही नहीं है। यह मानवता की अमूर्त विरासत का हिस्सा है। संपूर्ण विश्व, प्रत्येक महाद्वीप और सभी समुदायों के करोड़ों लोगों ने योग को अपनाया है और अपने-अपने तरीके से योग की व्याख्या की है। योगाभ्यास से उनके तन और मन पर लाभकारी प्रभाव पड़ा है। खास तौर से, तनावों और जीवनशैली से जुड़े रोगों से भरी वर्तमान दुनिया में इससे सभी को लाभ हो सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि योग तन और मन तथा वचन और कर्म के सहज संबंध का प्रतीक है। यह मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसा भाव है जो सूरीनाम की संस्कृति में गहराई से बसा हुआ है। इससे स्वास्थ्य और आरोग्यता के प्रति साकल्यवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है। योग के इन लाभों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग देशों और संस्कृतियों में पारंपरिक ज्ञान की खोज करने तथा आधुनिक युग में इस ज्ञान को लाभकारी बनाने के तौर-तरीकों पर विचार करने या इसे हमारे समय के अनुरूप ढालने की प्रेरणा हम सभी को प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए। सूरीनाम और भारत सहित अनेक समाजों में पारंपरिक ज्ञान संपदा विद्यमान है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सूरीनाम और भारत के साथ-साथ चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस व्यवहार रूप में विश्व के प्रत्येक देश में मनाया जा रहा है। योग भारतीय सौम्य शक्ति की परम अभिव्यक्ति है। इसने सूरीनाम सहित विश्व के सभी हिस्सों में योग अभ्यासकर्ताओं के बीच हमारे प्रति प्यार और सौहार्द पैदा किया है।
आज शाम को, राष्ट्रपति ने पारामारिबो में भारतीय संस्कृति केन्द्र की आधारशिला भी रखी। सूरीनाम का भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र हिंदुस्तानी संगीत और संस्कृति के प्रोत्साहन के प्रति समर्पित रहेगा। इसके बाद राष्ट्रपति, तीन राष्ट्रों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में क्यूबा के लिए रवाना हो गए।
कल (20 जून, 2018) राष्ट्रपति ने सूरीनाम के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक मध्याह्न राजभोज में भाग लिया। उन्होंने पारामारिबो में एक सामुदायिक अभिनंदन समारोह को भी संबोधित किया।
राजभोज में, राष्ट्रपति ने कहा कि सूरीनाम ‘नए विश्व’ का हिस्सा है। दूर-दूर के लोग और विचार सूरीनाम में घुले-मिले हैं। जिसने भी इसके तटों पर कदम रखा है, वह यहीं का होकर रह गया। उन्होंने सूरीनाम की एकात्मकता के लिए इसकी जनता के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्हें, सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 145 वीं वर्षगांठ के समारोह के दौरान सूरीनाम आकर वास्तव में सुखद अनुभूति हुई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सूरीनाम के बीच घनिष्ठ संबंध है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंध बढ़ाने की पूरी गुंजाइश है। कृषि, पर्यटन, वानिकी, खनन, ऊर्जा और स्वास्थ्य ऐसे क्षेत्र हैं जिनका हमें दोहन करने की आवश्यकता है।
कल (20.06.2018) एक सामुदायिक अभिनंदन समारोह में, राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदुस्तानी समुदाय सूरीनाम के सामाजिक ताने-बाने का एक रंग-बिरंगा सूत्र है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि हिंदुस्तानी समुदाय सूरीनाम के समाज में बहुत सुंदर ढंग से घुल-मिल गया है और इसके बावजूद इसने अपनी परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित और जीवंत बनाए रखा है।
यह विज्ञप्ति 1910 बजे जारी की गई।