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भारत के राष्ट्रपति ने उत्तर पूर्व विकास शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया; उन्होंने कहा उत्तर पूर्व का विकास भारत आसियान भागीदारी का सही उपाय है

राष्ट्रपति भवन : 21.11.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (21 नवम्बर, 2017) इम्फाल, मणिपुर में उत्तर-पूर्व विकास शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर पूर्व एक आश्चर्यजनक सामाजिक और सांस्कृतिक पारितंत्र है। विश्व के बहुत कम क्षेत्रों में ऐसी सांस्कृतिक समृद्धि जातीय और धार्मिक विविधता है जो एक छोटे क्षेत्र में बंधी हुई है। यह विविधता हम सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत है। उत्तर पूर्व विश्व में सबसे पुराने स्वदेशी समुदायों मे से कुछ का गृह है। यह हमारे आध्यात्मिक गृह भूमियों में से एक है। चाहे वह कामख्या में देवी की परंपरा हो अथवा तावांग में और कहीं भी बौद्धिक परंपरा हो, वे एक पवित्र बंधन बनाते हैं जो भारत को दक्षिण पूर्व एशिया से एक करते हैं। इस क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों ने शिक्षा में योगदान दिया है और मणिपुर और मिजोरम में यहां एक लघु परंतु संपन्न यहूदी समुदाय है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर पूर्व की भौगोलिक स्थिति इसे भारत का प्राकृतिक गेटवे बनाती है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के वृहद अर्थव्यवस्थाओं को और आज के आसियान देशों को जोड़ती है। यहीं वह क्षमता है जिसका हमें दोहन करना है और यहीं वह विचार है जिसे इस शिखर सम्मेलन को प्रेरित करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर पूर्व के संपर्क का विकास में भारत का दृष्टिकोण में सरकार की मध्यस्थता एक तत्काल और तीव्र संवर्धन है। यह एक बहुमॉडल कार्यक्रम है, जिसमें भूमि, जल और वायु शामिल है और यह भारत के भीतर संपर्क के साथ-साथ भारत और इसके पूर्वी और दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसियों के साथ संपर्क साधता है।

राष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि उत्तर पूर्व का विकास भारत आसियान भागीदारी के दोनों का ही विकास है। बाद में राष्ट्रपति ने इम्फाल में मणिपुर संगाई महोत्सव- 2017 को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे संगाई महोत्सव का उद्धाटन करते हुए खुश हैं जो कि मणिपुर के सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि के लिए उपर्युक्त प्रदर्शन हैं, जिसमें इसके विभिन्न समुदाय और सुंदर सामाजिक फैब्रिक शामिल है। मणिपुर के खाद्य और संस्कृति जोखिम वाले खेल और शिल्प, हैंडलूम और सार्वभौमिक रूप से प्रशंसनीय नृत्य का इससे अधिक उपयुक्त का मेल नहीं है। मणिपुर की सांस्कृतिक परंपरा इसकी सामाजिक, धार्मिक और इथनिक मोजेईक और इसकी साहस और प्रतिरुद्ध का इतिहास भारत में प्रत्येक के लिए प्रेरणादायक हैं।

राष्ट्रपति ने 1891 के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि ये नायक हमारी स्वतंत्रता और मानव उदारता में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। प्रत्येक भारतीय के लिए महान वीर यह टिकेन्द्रजीत और उसके कांग्रेट सदैव आदर्श हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक लोकप्रिय - केवल उनका लोकप्रिय नहीं, हमारा लोकप्रिय, पूरे देश का लोकप्रिय, सुविख्यात मैरी कॉम है जो मणिपुर का बिलकुल अपना ओलंपिक मेडलिस्ट है। उन्होंने हाल ही में एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उनके द्वारा मेडल जीतने के बाद उनके ट्वीट को याद किया, ‘आपने हमें प्रत्यक पंच में गौरव की अनुभूति करायी।’

राष्ट्रपति ने मणिपुर को भारतीय फुटबॉल का हृदय भूमि कहा है। भारत द्वारा आयोजित अंडर 17 विश्व कप में हमारे अनुभवी और निश्चयी खिलाडि़यों द्वारा एक जबरदस्त प्रदर्शन किया गया और हमारी राष्ट्रीय टीम के 21 सदस्यों में से आठ मणिपुर के थे। इस सूची में कैप्टन अमरजीत सिंह कीआंग और बहुदार गोलकीपर धीरज सिंह मोरंगथम शामिल थे।

यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई