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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 23.01.2019

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (23 जनवरी, 2019) वाराणसी, उत्तर प्रदेश में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय दुनिया के सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक है और इसका इतिहास भी प्रवासी भारतीयों जितना ही समृद्ध और विविधतापूर्ण है। पूर्व में, हमारे पूर्वजों ने व्यापारियों और भिक्षुओं के रूप में दक्षिण पूर्व एशिया की यात्रा की। काफी समय बाद, अनेक लोग सिल्क रूट पर व्यापारियों और उद्यमियों के रूप में फले फूले। और एक सदी से भी ज्यादा पहले, शर्तबन्दी प्रथा के तहत, हमने अपने लाखों लोगों को सात समन्दर पार जाते देखा। हमारे प्रवासी भारतीयों की निगाह से देखें तो उनकी दुनिया बहुत आगे बढ़ चुकी है। वे अपने सांस्कृतिक लोकाचार और विविधता को आत्मसात किए हुए, आज वैश्विक ऊंचाइयों पर हैं। और ऐसा करते हुए भी वे एक समुदाय के रूप में अपनी एकता को संरक्षित और मजबूत रखे हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की सफलता और कड़ी मेहनत ने एक मिसाल कायम की है। वे विदेशों में भारत का चेहरा और इसकी पहचान हैं। हमें उन पर और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। लेकिन उनके योगदान को वास्तव में विशिष्ट स्थान प्रदान करने वाले वे मूल्य हैं जिन्हें उन्होंने संजोया हुआ है और जिसके लिए वे जीते हैं। ये ऐसे मूल्य हैं जिससे वे अंतरतम से भारतीय बने रहते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज करोड़ों विचारों का देश है। भारत आज करोड़ों अवसरों का देश है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को, भारत की विकास-गाथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान-प्रदाता और पर्यटकों के रूप में लोगों को भारत आने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रवासी भारतीयों की क्षमता पर हमें भरोसा है। हम कल के ‘प्रतिभा-पलायन’ को आज के ‘प्रतिभा-आगमन’ में परिवर्तित करना चाहते हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों का आह्वान किया कि वे ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में योगदान करें और इसमें भागीदार बनें।

इसी सुबह, वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग ले रहे, मॉरीशस गणराज्य के प्रधानमंत्री, श्री प्रविन्द जगनाथ ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।

चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में मुख्य अतिथि बनने के लिए श्री जगनाथ को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी उपस्थिति से भारत-मॉरीशस के विशेष और अनूठे संबंधों और साझा इतिहास एवं विरासत का प्रमाण मिलता है।

यह विज्ञप्ति 1815 बजे जारी की गई।