चौथे बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात की
राष्ट्रपति भवन : 23.01.2020
राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान में चौथे बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) ने भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द से आज (23 जनवरी, 2020 ) को राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।
युवा चिकित्सकों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लोगों को स्वास्थ्य-चर्या उपलब्ध कराने में हमारे देश ने बहुत प्रगति की है। किसी समय में अनेकों लोगों की मृत्यु का कारण बनने वाले पोलियो और चेचक जैसे रोग आज परास्त हो चुके हैं। हमारा टीकाकरण कार्यक्रम मजबूत हो रहा है। हमने मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सफलता पाई है। फिर भी, हमारे सामने अभी भी अनेक चुनौतियां हैं और एक ऐसी समग्रतापूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने के लिए हमें एक लंबा रास्ता तय करना है। ऐसी प्रणाली, जो ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में हमारे नागरिकों के लिए समान रूप से किफ़ायती और सुलभ हो। इस संबंध में, यह देखकर संतोष होता है कि सरकार ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राथमिकता दी है। ‘आयुष्मान भारत योजना’ का कार्यान्वयन और इसकी सफलता इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें इस पहल को मजबूत बनाते रहना होगा और इस कार्य में चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में बीमारियों के बोझ में बढ़ोतरी हो रही है। हमें टीबी, मलेरिया और डेंगू जैसी व्यापक बीमारियों से निपटना है, और इसके साथ ही साथ मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप, अवसाद आदि जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती हुई संख्या से भी निपटना है। उन्होंने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे, स्वास्थ्य-रक्षा के लिए - रोकथाम, आरोग्य, इलाज, सामुदायिक सशक्तीकरण की कार्य-नीति से लेकर अनुसंधान और नवाचार तक एक बहु-विषयी कार्यनीति की दिशा में काम करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सक के रूप में वे, स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। हम नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधि, योग-अभ्यास और ध्यान के माध्यम से अपने जीवन में बढ़ते तनाव का समाधान कर सकते हैं। चिकित्सक इस प्रकार की जीवन शैली को बढ़ावा देने और आरोग्य की संस्कृति को प्रचलन में लाने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।