विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति का संदेश
राष्ट्रपति भवन : 23.03.2022
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाए जाने वाले ‘विश्व क्षयरोग दिवस’ की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा, "मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि क्षयरोग (टीबी) के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 24 मार्च, 2022 को ‘विश्व क्षयरोग दिवस’ मनाया जा रहा है। वर्ष 1882 में इसी दिन पर, डॉ रॉबर्ट कोच ने टीबी फैलाने वाले जीवाणु की खोज की घोषणा की थी। इस खोज के कारण टीबी जैसी घातक बीमारी के निदान और उपचार का मार्ग प्रशस्त हो सका।
कोविड-19 के प्रकोप और कोरोना वायरस के नए रूपों के उभार से देश की स्वास्थ्य-प्रणाली पर अभूतपूर्व दबाव आया। इसके कारण स्वास्थ्यचर्या के बुनियादी ढांचे के समक्ष असाधारण चुनौती खड़ी हो गई। परन्तु, केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के संयुक्त प्रयासों से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान संचालित होने से महामारी के विरुद्ध हमारी लड़ाई मजबूत हुई।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षयरोग के शमन के प्रभावी उपायों को लागू करने में तत्परता दिखाई गई और बदलते परिवेश के अनुकूल कार्यनीति बदल कर यह सुनिश्चित किया गया कि महामारी के कारण उत्पन्न अनेक चुनौतियों के बावजूद देश भर में टीबी के मरीजों को निरंतर इलाज उपलब्ध होता रहे।
‘भारत टीबी रिपोर्ट 2022’ जारी किए जाने के अवसर पर, मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस अवसर पर उन सभी टीबी योद्धाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी है और दूसरों के लिए उदाहरण बने हैं। आइए हम सब 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें।”