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भारत के राष्ट्रपति ने छठे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का उद्घाटन किया; उन्होंने कहा कि पर्यटन में निजी क्षेत्र और सिविल सोसायटी की महत्वपूर्ण भूमिका है

राष्ट्रपति भवन : 23.08.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (23 अगस्त, 2018) नई दिल्ली में छठे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का आयोजन पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि बौद्ध धर्म की भारत से एशिया तक की यात्रा तथा उस दौरान सृजित अंतर महाद्वीपीय जुड़ाव से न केवल अध्यात्म ही नहीं बल्कि बहुत कुछ वहां तक पहुंचा। उनके साथ ज्ञान और बोध की समृद्ध परम्‍परा वहां पहुंची। इनसे कला और शिल्प वहां पहुंचे। उन्होंने ध्यान की तकनीकें और मार्शल आर्ट को वहां पहुंचाया। फलस्‍वरूप, उन धर्मावलम्‍बी पुरुषों और महिलाओं यानी कि बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों ने जो पथ निर्मित किए, वे प्राचीन व्यापार मार्ग बन गए। इस प्रकार, बौद्ध धर्म वैश्वीकरण का तथा हमारे महाद्वीप में आपसी-जुड़ाव का आरंभिक आधार बन गया। ये सिद्धांत और मूल्य निरंतर हमारा मार्गदर्शन करते रहें।

राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन में अनेक पक्षों की सहभागि‍ता होती है। इसमें निजी क्षेत्र और सिविल सोसायटी की महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं। और आगंतुकों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण उपलब्‍ध कराने में राज्य और नगर पालिका प्रशासन अहम भूमिका निभाते हैं। पर्यटन में कारोबार की अपार संभावनाएं हैं। विश्‍वभर में, यह उद्योग, विशेषकर स्थानीय परिवारों और स्थानीय समुदायों के लिए एक बड़ा रोजगार सर्जक है। अपने मूल रूप में, बौद्ध धर्म की भांति ही पर्यटन का संबंध भी लोगों से और उनकी क्षमताओं को साकार करने के लिए उनके सशक्‍तीकरण से है।

यह विज्ञप्ति 1250 बजे जारी की गई।