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भारत के राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के हरिद्वार में दिव्य प्रेम सेवा मिशन की यात्रा की

राष्ट्रपति भवन : 23.09.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (23 सितंबर, 2017)दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार की यात्रा की।

राष्ट्रपति का तेज वर्षा के बीच उत्साहजनक स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी देवभूमि उत्तराखंड की यह पहली यात्रा है। उन्होंने राज्य की नैसर्गिक सुंदरता और आध्यात्मिक विरासत की सराहना की।

राष्ट्रपति ने जी.बी पंत और एच.एन बहुगुणा जैसे सुप्रसिद्ध राजनेताओं के राष्ट्रीय योगदान की भी प्रशंसा की।

राष्ट्रपति ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में राज्य की विरासत और प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सुंदर लाल बहुगुणा जैसे उत्तराखंड के विख्यात लोगों ने विश्व के समक्ष प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। चिपको आंदोलन से जुड़े हुए लोग ‘मिट्टी हमारी,पानी हमारा, जंगल हमारे;हमारे पुरखों ने इन्हें बड़ा किया,हम इन्हें जरूर बचाएंगे’ गीत गाया करते थे। उत्तराखंड को पर्यावरणीय संरक्षण के इस दायरे में रहकर अपने विकास लक्ष्य हासिल करने होंगे। संरक्षण और विकास के बीच सही संतुलन बनाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘नमामि गंगे’मिशन भारत के मैदानों से गुजरेगा और पश्चिम बंगाल में समाप्त होगा। परंतु यह उत्तराखंड में आरंभ होता है। इसलिए गंगा की स्वच्छता और उसके संरक्षण का आंदोलन उत्तराखंड से आरंभ होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कुष्ठ रोगियों की सेवा में दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देश के लोग दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रयासों से प्रेरणा ग्रहण करेंगे और मानवता की सेवा में स्वयं को समर्पित करेंगे।

यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई