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भारत के राष्ट्रपति ने 32वें इंडियन इंजीनियरिंग कॉंग्रेस के समापन समारोह के अवसर पर संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 23.12.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (23 दिसम्बर, 2017) को चेन्नै में इंजीनियरर्स संस्था (भारत) द्वारा आयोजित 21 वें इंजीनियरिंग कांग्रेस के समापन समारोह में भाग लिया और संबोधन किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि जिज्ञासा और साक्ष्य आधारित नीतिगत भावना और लोक कल्याण के साधन के रूप मे प्रौद्योगिकी और नवान्वेषण में अटल विश्वास आधुनिक तमिलनाडु के सार्वजनितक जीवन की पहचान है। तमिलनाडु में आरंभ की गई अध्याह्न भोजन योजना ने अल्पाहार के विरुद्ध और हमारे बच्चों के शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में सहायता के रूप में एक आदर्श स्थापित किया है। चाहे वह टेक्सटाइल हो अथवा आईटी, उपयुक्त विनिर्माण हो या ऑटोमोबाइल, तमिलनाडु ने इंजीनियरी का उपयोग एक ठोस औद्योगिक अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए किया है जिससे हजारों रोजगार का सृजन हुआ।

राष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियर परिवर्तन के वाहक हैं। ऐतिहासिक रूप से केवल इंजीनियरों ने ही व्यावहारिक समाधान-चाहे बांधों का निर्माण हो या सेतुओं का, चाहे लोकोमोटिव का डिजाइन हो या कम्प्यूटर न्यवहारिक समाधान को उपलब्धि के लिए विज्ञान के तर्क का इस्तेमाल किया। सर्वप्रथम धातु के औजार से एकीकृत सर्किट, 18वीं सदी के औद्योगिक क्रांति से 21वीं सदी के चौथी औद्योगिक क्रांति तक- केवल इंजीनियरी ने भविष्य की भाषा बोली है। कृत्रिम बुद्धि की संभावनाओं का अनुसंधान करने में और वस्तुओं के इंटरनेट में अथवा मेक इन इंडिया के लिए हमारी आकांक्षाओं को साकार करने में, आज एक बार फिर हम इंजीनियरों की ओर देखते हैं।

राष्ट्रपति ने ये उल्लेख किया कि ये अवसर और भी अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मानव सभ्यता एक बदलाव के कगार पर है। तकनीकी विकास में परिवर्तन हो रहा है कि हम कैसे रहते हैं, कैसे कार्य करते हैं और कैसे सोचते हैं। इंजीनियरी का अभ्यास भी एक चुनौती है। उदाहरण के लिए सिविल इंजीनियर भौतिक सामग्री के विशेषज्ञ हैं। वे इस ज्ञान को निर्माण कार्यों में इस्तेमाल करते हैं। फिर भी सम्मिश्रणों और सामग्रियों का यह ज्ञान सूक्ष्म आवश्यकताओं, जैसे कि मानव शरीर में चिकित्सारोपण सृजन, के रूप में और बड़ी-बड़ी आवश्यकताओं जैसे कि सुविधा जुटाने और हमारे बाह्य अंतरिक्ष में कॉलोनियां बनाने में निरंतर इस्तेमाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में विकास क्रॉस फर्टीलाइजेशन के मार्ग खोज रहा है। खाद्य प्रौद्योगिकी, बायोटेक्नॉलोजी, पर्यावरण संबंधी इंजीनियरिंग और परिवहन इंजीनियरिंग जैसे विषयों का विस्तार हो रहा है। और इंजीनियर अनिवार्य रूप से कानून, भूगोल और राजनीतिक विज्ञान के प्रतिपक्षी होंगे। हमारे देश में खाद्य, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण में प्रमुख चुनौतियों के समाधान में, कम लागत और आसानी से निर्मित आवास देने में न्यूनतम हस्तक्षेप सहित शहरी संरचना के समर्थन में इंजीनियर बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

इससे पहले राष्ट्रपति ने रामेश्वरम में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेमोरियल का भ्रमण किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

यह विज्ञप्ति 1230 बजे जारी की गई