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भारत के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य चिकित्सा पद्धति के 42वें विश्व कांग्रेस के समापन सहारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 24.11.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (24 नवम्बर, 2017)नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सैन्य चिकित्सा पद्धति के 42वें विश्व कांग्रेस के समापन सहारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग एक शताब्दी से अंतरराष्ट्रीय सैन्य चिकित्सा पद्धति (आईसीएमएम) पूरे विश्व में सैन्य चिकित्सा के अभ्यास में सार्थक प्रभाव डाल रही है। यह चिकित्सीय व्यवसाय के‘आधुनिक तरीकों’में वास्तविक रूप से कारगर है। क्षेत्रीय और विश्व कांग्रेस के द्वारा आईसीएमएम भागीदारी और सार्थक सीख के लिए एक वैश्विक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी सेना के लिए चिकित्सीय सेवा एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत की सशस्त्र बल चिकित्सीय सेवाएं केवल सशस्त्र बलों को ही विशिष्ट सेवा प्रदान नहीं करती हैं बल्कि शांति और युद्ध दोनों में ही देश की सेवा में लगी रहतीं हैं। प्राकृतिक और मनुष्य जनित विषमताओं और संकट के समय में वे सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण प्रथम राहत कार्य प्रदान करते हैं और हमेशा इस क्षेत्र में सतत तैयारी की अवस्था में रहते हैं। सेवारत सैनिक और उनके परिवार,जिनमें हमारे श्रेष्ठ दिग्गज भी शामिल हैं,के लिए बचाव,उपचार और पुनरुद्धार संबंधी चिकित्सीय देखभाल को प्रोत्साहन देने और उसे बढ़ाने का दायित्व सशस्त्र बल चिकित्सीय सेवाओं के द्वारा सराहनीय व्यवसायों के द्वारा वहन किया जा रहा है।

यह विज्ञप्ति 1500 बजे जारी की गई