भारत के राष्ट्रपति ने ब्राज़ील के राष्ट्रपति की अगवानी की; उन्होंने कहा कि अतीत की विषमताओं को दूर करने के प्रयास के साथ-साथ हमें अपनी भावी पीढ़ियों के लिए एक स्थायी दुनिया का सृजन करना चाहिए
राष्ट्रपति भवन : 25.01.2020
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (25 जनवरी, 2020) राष्ट्रपति भवन में ब्राज़ील संघीय गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री ज़ायर बोलसोनारो की अगवानी की। राष्ट्रपति ने उनके सम्मान में राज-भोज की भी मेजबानी की।
भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आए ब्राजील के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि अपने गणतंत्र दिवस समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में आपका स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह भारत और ब्राजील के संबंधों के लिए एक विशेष अवसर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और ब्राजील घनिष्ट मित्र और रणनीतिक साझेदार हैं। भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय, दोनों ही क्षेत्रों में ब्राजील के साथ अपने संबंधों को सर्वाधिक महत्व देता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और ब्राजील के बीच आर्थिक संबंध अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन हम साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। व्यापार और निवेश दोनों ही क्षेत्रों में बड़ी संभावनाएं अछूती पड़ी हुई हैं। भारतीय कंपनियां ब्राजील में आईटी, ऑटोमोबाइल और ऊर्जा क्षेत्रों में सक्रिय हैं। हम अपनी ‘मेक नलइन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए ब्राजील की रक्षा और खाद्य प्रसंस्करण विशेषज्ञता का लाभ उठाने के इच्छुक हैं। अपने आर्थिक कार्यक्रमों में भागीदार बनाने के लिए हम ब्राजील की कंपनियों को आमंत्रित करते हैं। अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी और पशुपालन जैसे क्षेत्र में भी हमारी कंपनियों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध हैं।
इसके पश्चात्, राष्ट्रपति कोविन्द ने अपने राज-भोज भाषण में कहा कि, एक मजबूत ऐतिहासिक नींव पर, हमने एक ऐसी आयामी साझेदारी स्थापित की है, जिससे कई देश प्रेरणा प्राप्त करेंगे। हमारे साझा परिकल्पनाओं ने हमें रणनीतिक साझेदार के रूप में एक-दूसरे के निकट ला खड़ा किया है। हम एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था निर्मित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे एक नई वैश्विक वास्तविकता प्रतिबिंबित होती हो; हम वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं; और हम अपने दोनों देशों के लोगों के लिए एक सुरक्षित दुनिया के निर्माण के लिए आतंकवाद से लड़ने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। ‘ब्रिक्स’ से लेकर द्विपक्षीय मंचों तक, हमारी भावी योजनाओं के अनुरुप निश्चित एजेंडा है। अतीत की विषमताओं का समाधान ढूंढते हुए हमें अपनी भावी पीढ़ियों के लिए एक स्थायी दुनिया का सृजन करते रहना चाहिए।