राष्ट्रपति ने सेशल्स के राष्ट्रपति की मेजबानी की; उन्होंने कहा कि भारत और सेशल्स को हिंद महासागर के क्षेत्रीय ढांचे को मजबूत करने में साझेदारों के रूप में मिल कर कार्य करना चाहिए।
राष्ट्रपति भवन : 25.06.2018
भारत के राष्ट्रपति, राम नाथ कोविन्द ने आज (25 जून, 2018) राष्ट्रपति भवन में, सेशल्स गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री डैनी एन्तोआन रोलेन फौर का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक राजभोज का भी आयोजन किया।
राष्ट्रपति डैनी फौर के भारत आगमन पर उनका स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत लघु द्वीप वाले विकासशील राष्ट्रों, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन में और जलवायु परिवर्तन तथा समुद्री सुरक्षा मुद्दों पर सेशेल्स की नेतृत्वकारी भूमिका की सराहना करता है। सेशेल्स मानव विकास सूची में सर्वोच्च अफ्रीकी देश के रूप में भी उभरा है। समग्र शासन में अफ्रीका के पांच सर्वोच्च स्थान वाले देशों में भी वह लगातार शामिल रहा है। उन्होंने इन असाधारण उपलब्धियों के लिए सेशल्स सरकार की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सेशल्स का एक अति विशेष संबंध है जो आपसी विश्वास, भरपूर सद्भावना और साझे मूल्यों की बुनियाद पर बना है। दोनों देश हिंद महासागर में शांति, सुरक्षा और स्थिरता कायम रखने की एक जैसी भू-रणनीतिक संकल्पना को सहर्ष साझा कर रहे हैं। दोनों देशों को हिंद महासागर के क्षेत्रीय ढांचे को मजबूत करने में साझेदारों के रूप में मिल कर कार्य करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि विशाल प्राकृतिक संसाधन हमारी भावी पीढ़ियों के विकास और समृद्धि के लिए असीम अवसर उपलब्ध कराते हैं। हमारा साझा लक्ष्य सतत तरीके से समुद्र आधारित ब्लू इकॉनामी की पूरी क्षमता के प्रयोग का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को खुशी है कि सेशेल्स एक संस्थापक सदस्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन पहल में साझेदारी कर रहा है। भारत सेशल्स में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में सेशल्स के साथ, मिलकर कार्य करने की उम्मीद करता है।
राष्ट्रपति ने सेशल्स के राष्ट्रपति को उन सभी क्षेत्रों में विकास सहायता प्रदान करने की भारत की निरंतर वचनबद्धता का विश्वास दिलाया जिन्हें सेशेल्स की सरकार जरूरी मानती है और जिनसे इसके लोगों को सीधा लाभ मिलता हो।
तत्पश्चात, अपने राजभोज अभिभाषण में राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि भारत और सेशल्स के प्रगाढ़ सम्बन्ध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। सेशल्स की आजादी के बाद,पिछले चार दशकों से हमारे देश साझी चुनौतियों का मुकाबला करने,महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान खोजने और क्षेत्रीय एवं वैश्विक सहयोग के ताने-बाने को मजबूत बनाने में साझीदारों के रूप में मिलकर कार्य करते रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिरक्षा, सुरक्षा और सामरिक सहयोग के क्षेत्र में सेशल्स के साथ हमारे मजबूत संबंध रहे हैं। हमारी सामरिक साझेदारी से इस क्षेत्र में और उससे परे भी हमारे महासागरीय क्षेत्र की सुरक्षा का संकल्प और ज्यादा मजबूत हुआ है। भारत यह मानता है कि हिन्द और प्रशांत महासागर क्षेत्र में आर्थिक अवसर भी हैं और सुरक्षा चुनौतियाँ भी। हम चाहते हैं कि इण्डो-पैसिफिक क्षेत्र एक स्वतंत्र, उन्मुक्त, शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी क्षेत्र रहे जहां नियम-आधारित व्यवस्था के साथ-साथ संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो।
यह विज्ञप्ति 2040 बजे जारी की गई।