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भारत के राष्ट्रपति ने राजगीर में विश्व शांति स्तूप के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 25.10.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द, आज (25 अक्टूबर, 2019) को राजगीर, बिहार में विश्व शांति स्तूप के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए और सभा को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व शांति स्तूप एकता, शांति और अहिंसा का प्रतीक है। इसका संदेश विश्वव्यापी है, जो संस्कृतियों, धर्मों और भौगोलिक स्थिति से कहीं ऊपर है। यह जापान और भारत के शांति-प्रिय लोकतंत्रों के बीच सुदृढ़ साझेदारी और व्यापक सहयोग को भी दर्शाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि बुद्ध के आठ सूत्रीय मार्ग ने न केवल दुनिया भर में आध्यात्मिक परिदृश्य को बदल दिया, बल्कि नैतिक और स्थायी सामाजिक, राजनीतिक तथा वाणिज्यिक प्रथाओं को भी इससे बढ़ावा मिला। आज, दुनिया भर में बौद्ध धर्म के 50 करोड़ अनुयायियों से कहीं अधिक लोगों पर बुद्ध का प्रभाव देखा जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज के समय में, अधिक से अधिक लोगों को बुद्ध के आदर्शों से जोड़ने की आवश्यकता है। बुद्ध से संबंधित स्थानों में विरासत पर्यटन को बढ़ावा देना, विशेषकर युवाओं को बौद्ध धर्म की भावना की ओर लोगों को आकर्षित करने का एक प्रभावी तरीका है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यदि विकास चाहिए तो इससे पहले शांति आवश्यक है। बुद्ध के उपदेश के सार में बाहरी दुनिया में शांति स्थापित करने से पूर्व अपने भीतर शांति स्थापित करने पर जोर दिया गया है। आध्यात्मिकता, शांति और विकास एक दूसरे को सुदृढ़ करते हैं। संघर्ष, अशांति और पिछड़ापन एक दूसरे को बढ़ाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि गरीबी और संघर्ष को घटाने के लिए शांति और सद्भाव को शक्तिशाली साधन के रूप में बढ़ावा दें।