भारत के राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 का उदघाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 25.11.2017
भभारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (25 नवम्बर, 2017) कुरुक्षेत्र, हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2017 का उदघाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि गीता का संदेश आने वाले समय के लिए सदैव संदर्भित है। कृषि पर आधारित एक प्राचीन समाज से लेकर वाणिज्य और उद्योग पर आधारित एक समाज तक, और अब एक ज्ञानवान समाज तक-गीता का संदेश सतत मौजूद रहा है। गीता प्रत्येक प्राणी के भीतर मौजूद सही और गलत के बीच दुविधाओं और सघर्षों के समाधान ढुढ़ने में हमें मदद करती है। ’‘सही क्या है और गलत क्या है?’’, ’‘हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?’’ इन प्रश्नों के उत्तर गीता में मिलते हैं।
राष्ट्रपति ने हरियाणा राज्य में बाल लैंगिक अनुपात में सुधार के लिए वहां के लोगों के द्वारा किए गए प्रयासों को भी नोट किया। उन्होंने इस संबंध में हरियाणा सरकार के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि हरियाणा की बेटियों ने विभिन्न क्षेत्रों, राजनीत से शिक्षा, पर्वतारोहण से कुश्ती, अंतरिक्ष यात्रा से, एक हाल ही का उदाहरण, सौन्दर्य प्रतियोगिताओं तक में,उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने राज्य में महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया।
इससे पहले दिन की शुरूआत में राष्ट्रपति ने ब्रह्म सरोवर के दर्शन किए और कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम में गीता अनुसंधान केन्द्र की अधारशिला रखी।
यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई