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भारत के राष्ट्रपति हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए

राष्ट्रपति भवन : 25.11.2021

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कहा कि हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) जैसे संस्थानों को अपने विद्याथियों में नवाचार और उद्यमशीलता की सोच विकसित करने के प्रयास करने चाहिए। वे आज (25 नवंबर, 2021) कानपुर में ‘हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय’ के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऑइल टेक्नॉलॉजी, पेन्ट टेक्नॉलॉजी, प्लास्टिक टेक्नॉलॉजी तथा फूड टेक्नॉलॉजी के क्षेत्रों में किए गए योगदान के कारण एचबीटीयूकी एक अलग पहचान बनी है। इस संस्थान का गौरवशाली इतिहास 20वीं सदी के आरंभ से ही भारत में हो रहे औद्योगिक विकास से जुड़ा हुआ है। ‘मैंचेस्टर ऑफ द ईस्ट’, ‘लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड’ तथा ‘इंडस्ट्रियल हब’ के रूप में कानपुर को जो प्रसिद्धि मिली उसके पीछे एचबीटीयू द्वारा उपलब्ध करायी गई टेक्नॉलॉजी और मानव संसाधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जब एचबीटीयू अपना शताब्दी-समारोह मना रहा है तब स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में पूरे देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। और वर्ष 2047 में जब देश स्वाधीनता की शताब्दी मना रहा होगा तब आपका विश्वविद्यालय अपने 125 वर्ष पूरे कर रहा होगा। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में एचबीटीयू की वर्तमान रैंकिंग-166वें स्थान-की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एचबीटीयू के सभी हितधारकों कायह प्रयास होना चाहिए कि वर्ष 2047 तक यह विश्वविद्यालय एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के 25 शीर्षस्थ संस्थानों में अपना स्थान सुनिश्चित कर सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें संकल्पबद्ध होकर कार्य करना पड़ेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी हितधारक एचबीटीयू तथा देश के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ।

भारत में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में वही देश अग्रणी रहते हैं जो इनोवेशन और नई टेक्नॉलॉजी को प्राथमिकता देकर अपने देशवासियों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर सक्षम बनाते हैं। टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में भारत ने भी अपनी साख बढ़ाई है। लेकिन अभी हमारे देश को बहुत आगे जाना है। इस संदर्भ में हरकोर्ट बटलर टेक्निकल विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।उन्होंने कहा कि हमारे देश के टेक्निकल संस्थानों को अपने विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमशीलता की सोच विकसित करने के प्रयास करने चाहिए। विद्यार्थियों को शुरू से ही ऐसा वातावरण प्रदान करना चाहिए जिसमें वे job seeker (रोजगार मांगने वाले) की जगह job giver (रोजगार प्रदाता) बनकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

तकनीकी शिक्षा में छात्राओं की कम भागीदारी की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने देश भर में अनेक शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोहों में भाग लिया है जहाँ उन्होंने पाया कि हमारी बेटियों का प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली रहता है। लेकिन तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आज भी बेटियों की भागीदारी संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि बेटियों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

पिछले शनिवार नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह देखने को मिला कि वर्ष 2016 में देश के शहरी निकायों में 173वें स्थान से कानपुर शहर2021की रैंकिंग में 21वें स्थान तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि वेकानपुर के निवासियों के स्वभाव को गहराई से जानते हैं। कानपुर के लोग यदि कुछ ठान लेते हैं तो उसे हासिल कर ही लेते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि कानपुर के निवासियों का यह जज़्बा शहर की स्वच्छता के लक्ष्य को एक जन-आंदोलन बनाने में लगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कानपुर के प्रशासनिक व नगर निगम के अधिकारी देश में लगातार प्रथम स्थान पाने वाले इंदौर शहर से प्रेरणा लेंगे और कानपुर को देश के पांच स्वच्छतम शहरों में स्थान दिलाने के लिए प्रयास करेंगे।