भारत के राष्ट्रपति ने गांधी शान्ति पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 26.02.2019
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने, आज (26 फरवरी, 2019) राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वर्ष 2015, 2016, 2017 और 2018 के गांधी शान्ति पुरस्कार प्रदान किए।
गांधी शान्ति पुरस्कार, वर्ष 2015 के लिए विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी को, वर्ष 2016 के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल को संयुक्त रूप से, वर्ष 2017 के लिए एकल अभियान ट्रस्ट को और वर्ष 2018 के लिए श्री योहेई सासाकावा को प्रदान किए गए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीवादी विचारों, संघर्ष के गांधीवादी तरीकों और मेल-मिलाप के द्वारा, विरोधी की अंतरात्मा को जगाकर मानव-स्वतंत्रता हासिल करने के गांधीवादी आदर्शों से हमारे युग के अनेक महान व्यक्ति प्रभावित हुए। अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग जूनियर, दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और पोलैंड में लेक वालेसा जैसे प्रखर राजनेताओं ने गांधी जी से प्रेरणा ली और उनसे बहुत कुछ सीखा। मानव इतिहास के सम-सामयिक दौर में और दमन तथा असमानता को समाप्त करने के प्रयासों की समझ के लिए गांधी जी और उनके अनेक विचार विश्व-समुदाय को भारत की अमूल्य सौगात हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी 21वीं सदी में भी उतने ही प्रासंगिक हैं। सातत्य, पारिस्थिति की संवेदनशीलता और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहने के अपने सन्देश में, उन्होंने वर्तमान समय की कुछ चुनौतियों का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों में गांधीवादी दर्शन विद्यमान है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आधुनिक स्वच्छता के सार्वभौमीकरण के प्रति लक्षित – ‘स्वच्छ भारत मिशन’ में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका भी गांधी जी के विचारों को प्रतिबिम्बित करता है।
पुरस्कार विजेताओं द्वारा किए गए योगदान के बारे में बताते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विवेकानंद केन्द्र ने देश भर में, विशेष रूप से जनजातीय समुदायों वाले क्षेत्रों में स्वयं-सहायता, सातत्य और विकास को बढ़ावा दिया है, शिक्षा और स्वास्थ्य में, और ग्रामीण विकास तथा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के प्रति संवेदनशील और सार्थक दृष्टिकोण की क्षमता बढ़ाई है। अक्षय पात्र फाउंडेशन ने भुखमरी को समाप्त करते हुए और पौष्टिक आहार की उपलब्धता बढ़ाते हुए शिक्षा और ज्ञान को बढ़ावा देने का कार्य किया है। स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए इसने आधुनिक तकनीक का उपयोग किया है। सुलभ इंटरनेशनल और इसके संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक स्वच्छता और शौचालयों के प्रति जागरूकता फैलाते रहे हैं और इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाते आए हैं। इन्होंने यह बीड़ा उस समय उठाया जब इस क्षेत्र में ज्यादा लोग सक्रिय नहीं थे। एकल अभियान ट्रस्ट 2.2 मिलियन बच्चों की शिक्षा तक पहुँच बनाने में मदद कर रहा है - इसमें से 52 प्रतिशत लड़कियां हैं। इसकी कई पहलों से आदिवासी समुदायों को लाभ मिलता है। कुष्ठ निवारण और उन्मूलन तथा कुष्ठ प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव समाप्त करने में भारत की सहायता में श्री योहेई सासाकावा का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
यह विज्ञप्ति 1245 बजे जारी की गई।