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भारत के राष्ट्रपति क्रोएशिया पहुंचे; उन्होंने क्रोएशिया के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया

राष्ट्रपति भवन : 26.03.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द क्रोएशिया, बोलिविया और चिली की तीन देशों की अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में कल (25 मार्च, 2019) ज़ाग्रेब, क्रोएशिया पहुंचे। भारत के किसी राष्ट्राध्यक्ष द्वारा क्रोएशिया की यह पहली यात्रा है।

आज (26 मार्च, 2019), राष्ट्रपति ने अपने कार्यक्रमों की शुरुआत क्रोएशिया के राष्ट्रपति कार्यालय की यात्रा के साथ की, जहां उनकी समकक्ष श्रीमती कोलिंडा ग्राबर-कितारोविच ने उनकी अगवानी की और उनका समाहोरिक स्वागत किया गया।

राष्ट्रपति कितारोविच के साथ एकैक चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की ओर से क्रोएशिया की पहली राजकीय यात्रा पर आना उनके लिए सम्मान की बात है। स्वयं को और अपने प्रतिनिधिमंडल को मिले गर्मजोशी भरे अतिथि सत्कार के लिए उन्होंने राष्ट्रपति कितारोविच का धन्यवाद किया। इसके बाद, राष्ट्रपति को क्रोएशिया गणराज्य के सर्वोच्च सम्मान, ‘किंग ऑफ़तोमिस्लाव ग्रेण्‍ड ऑर्डर’ से सम्मानित किया गया। उन्होंने यह सम्‍मान भारत-क्रोएशिया मैत्री को समर्पित किया।

इसके उपरान्त, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्‍टमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत द्विपक्षीय रूप से और यूरोपीय संघ के ढांचे के अंतर्गत, विशेष रूप से 2020 की पहली छमाही में यूरोपीय संघ में क्रोएशिया की अध्यक्षता के दौरान,वृहत्‍तर सहयोग करना चाहता है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी है। भारत एक व्यावहारिक और संतुलित ‘भारत-यूरोपीय संघ व्यापक व्यापार एवं निवेश समझौते’ को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहा है। हम इसके लिए क्रोएशिया का समर्थन, विशेष रूप से यूरोपीय संघ की अध्यक्षता के दौरान चाहेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, क्रोएशिया के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के आर्थिक पक्ष को बेहतर करने का इच्छुक है। भारत-क्रोएशिया द्विपक्षीय व्यापार पिछले एक दशक में दोगुना हो गया है, लेकिन यह अभी भी अपनी वास्तविक क्षमता तक नहीं पहुंचा है। फार्मा, वेस्ट मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, एग्रीकल्चर, बायोमेडिकल रिसर्च और स्टार्ट-अप्स जैसे कई नए क्षेत्र हैं जहाँ दोनों पक्षों के लिए संभावनाएं दिखाई देती हैं।

राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की 150वीं सालगिरह की स्‍मृति में क्रोएशिया को उनकी आवक्ष प्रतिमा भेंट की। क्रोएशिया की राष्ट्रपति ने इसके लिए उनका धन्यवाद व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि क्रोएशिया में किसी प्रतिष्ठित सार्वजनिक स्थान पर आवक्ष प्रतिमा स्थापित करने और 2 अक्टूबर, 2019 को उसका अनावरण करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

बहुपक्षीय मुद्दों के संबंध में वार्ता के क्रम में, क्रोएशिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में सुधार का समर्थन किया, साथ ही विस्तारित और आशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया।

राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के उपशमन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के लिए क्रोएशिया का आहवान किया। क्रोएशियाई राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया कि क्रोएशिया भारत के निमंत्रण पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगा। आतंकवाद के मुद्दे पर, दोनों देश आतंकवाद के सभी रूपों और प्रादुर्भावों के प्रति लिए एक मजबूत वैश्विक मोर्चा विकसित करने के लिए, और ऐसे बर्बर कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों पर जवाबदेही तय करने तथा कार्रवाई करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

शिष्‍टमंडल स्तरीय वार्ता के बाद, दोनों राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में पर्यटन, खेल और संस्कृति क्षेत्रों से सम्बंधित विषयों से जुड़े चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और इनका आदान-प्रदान किया गया। इसमें शामिल है:

1. हिंदी अध्‍ययन पीठ समझौता ज्ञापन: भारत (आईसीसीआर) ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के इंडोलॉजी विभाग में हिंदी अध्‍ययन पीठ को आगे तीन साल तक जारी रखेगा।

2. संस्कृत अध्‍ययन पीठ समझौता ज्ञापन: संस्कृत के अध्ययन में क्रोएशियाई लोगों द्वारा दिखाए गई रूचि को देखते हुए, भारत (आईसीसीआर) ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के इंडोलॉजी विभाग में एक संस्कृत अध्‍ययन पीठ स्थापित करेगा।

3. पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन: इससे पर्यटन क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंधों को घनिष्‍ठ बनाने में मदद मिलेगी।

4. खेल के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन: खेल क्षेत्र में क्षमता निर्माण हेतु संयुक्त पहल करने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण और ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के काइनेसियोलॉजी विभाग के बीच सहयोग के बारे में।

राष्ट्रपति ने क्रोएशिया की यात्रा पर एक प्रेस वक्तव्य (संलग्‍न) भी जारी किया।

बाद में, राष्ट्रपति मिरोगोज शहर के समाधि स्थल गए और "वॉयस ऑफ द क्रोएशियाई विक्टिम्स-वॉल ऑफ पेन मेमोरियल" पर श्रद्धान्जलि अर्पित की।

अपने अगले कार्यक्रम में, राष्ट्रपति राजकीय निवास, विसोका पहुंचे, जहाँ क्रोएशिया के प्रधानमंत्री, श्रीमान आन्द्रेज़ प्लेंकोविच ने उनकी अगवानी की और राष्‍ट्रपति के लिए मध्याह्न राजभोज का आयोजन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-क्रोएशिया के बीच ऐतिहासिक रूप से गहरे संबंध रहे हैं। क्रोएशियाई स्वतंत्रता के बाद से ही, हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और अपने दायरे का विस्तार करने के इच्छुक हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और इसका जवाब भी वैश्विक स्तर पर दिए जाने की आवश्यकता है। भारतीय सुरक्षाकर्मियों पर हाल ही में हुआ पुलवामा आतंकवादी हमला एक बार फिर इस खतरे को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़े प्रयासों की महती आवश्यकता के बारे में चेताता है। भारत आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानूनों को मजबूत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक कन्‍वेंशन’ का प्रस्ताव दे चुका है। उन्होंने इस कन्‍वेंशन को शीघ्र अंतिम रूप दिए जाने के लिए क्रोएशिया का समर्थन मांगा।

शाम को, राष्ट्रपति, ज़ाग्रेब में भारतीय सामुदाय के स्वागत समारोह को संबोधित करेंगे। वह, क्रोएशिया के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजभोज में भी शामिल होंगे।