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भारत के राष्ट्रपति ने अतिशय मद्यपान और मादक पदार्थों के सेवन पर रोकथाम के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति भवन : 26.06.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द ने आज (26 जून, 2018) नई दिल्ली में, ‘मादक पदार्थों के सेवन और अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर, अतिशय मद्यपान और मादक पदार्थों के सेवन पर रोकथाम के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि मादक पदार्थों के व्‍यसन और अतिशय मद्यपान की समस्या का नकारात्‍मक प्रभाव स्वास्थ्य, संस्कृति, विकास और राजनीति जैसे अनेक क्षेत्रों में व्यक्ति, परिवार और समाज पर पड़ता है। मादक पदार्थों की लत से गरीबी पैदा होती है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा तथा हमारे विकास और सार्वजनिक कल्याण लक्ष्‍यों के समक्ष भी चुनौती पैदा होती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि म्यांमा-लाओस-थाईलैंड के ‘गोल्डन ट्रायंगल’ तथा ईरान- अफगानिस्तान-पाकिस्तान के ‘गोल्डन क्रिसेंट’ के बीच हमारी भौगोलिक अवस्थिति के कारण मादक पदार्थों के सेवन और अवैध व्यापार की समस्या और अधिक भीषण और जटिल हो जाती है। सीमावर्ती इलाकों में मादक पदार्थों के अवैध व्यापार और अतिशय सेवन में बढ़ोत्तरी आतंकवाद और राजनीतिक अशांति के मुद्दों से भी जुड़ी हुई है। इसीलिए पंजाब और मणिपुर जैसे सीमावर्ती राज्यों में और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अवैध मादक पदार्थों के सेवन से विशेषकर युवा पीढ़ी और स्‍कूली बच्चोंमें स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन की समस्या जागरूकता, रोकथाम, प्रोत्साहन और सहयोगात्मक प्रयासों से हल की जा सकती है। इन प्रयासों में मादक पदार्थों की लत वाले लोगों के प्रति सहृदयता और सहानुभूति जरूरी है। चिकित्सा और पुनर्वास प्रयासों में अभिभावकों, अध्यापकों, डॉक्टरों, स्वैच्छिक संगठनों को जोड़ा जाना चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इन दिशाओं में जरूरी कदम उठाए हैं।

इस अवसर पर मौजूद गणमान्य लोगों में, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठवाले, श्री कृष्ण पाल गुर्जर और श्री विजय सांपला मौजूद थे।

यह विज्ञप्ति 1250 बजे जारी की गई।