Back

राष्ट्रपति ने म्यामां के राष्ट्रपति की अगवानी की; उन्होंने कहा कि म्यांमार भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'एक्ट ईस्ट नीति' का संगम स्थल है

राष्ट्रपति भवन : 27.02.2020

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (27 फरवरी, 2020) राष्ट्रपति भवन में म्यामां गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, ऊ विन म्यें की अगवानी की। उन्होंने म्यामां के राष्ट्रपति के सम्मान में राज-भोज की मेज़बानी भी की।

अपनी पहली भारत यात्रा पर आए राष्ट्रपति म्यें का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि म्यांमार के साथ अपनी साझीदारी को भारत सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। म्यांमार भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'एक्ट ईस्ट नीति' का संगम स्थल है। भारत और म्यामां की साझीदारी, आपसी जुड़ाव और सहयोगी पड़ोस बनाने की भारत की सोच का मूलाधार है।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक शांतिपूर्ण, एकजुट, संघीय, लोकतांत्रिक और समृद्ध म्यामां, भारत के मूल राष्ट्रीय हित में है। ऊर्जा, परिवहन, डिजिटल कनेक्टिविटी, पर्यटन और धरोहर प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण आयामों में भारत म्यामां के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार करने का इच्छुक है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण केन्द्र और नई सामाजिक-आर्थिक अवसंरचना विकसित करने के साथ-साथ पहले से अधिक सहायता प्रदान करने के लिए भारत तत्पर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यामां के इस आश्वासन की सराहना करता है कि म्यामां उन समूहों को अपने राज्य क्षेत्र से अपनी गतिविधियां चलाने नहीं देगा, जो भारत के हितों के विरुद्ध हैं। हमारी सीमाओं की सुरक्षा को बरकरार रखने में, भारत म्यामां की सेना की ओर से किए जा रहे बेहतर समन्वय और सहयोग की भी सराहना करता है।

बाद में, राष्ट्रपति कोविन्द ने अपने राज-भोज भाषण में कहा कि स्थायी शांति का वातावरण बनाने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समृद्धि के माध्यम से शांति का लाभ लोगों तक पहुंचे। सड़कों के निर्माण, जलमार्गों के उपयोग, बंदरगाहों के उन्नयन और द्विपक्षीय हवाई सेवाओं में वृद्धि के माध्यम से हमारे बीच कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। इसमें ऊर्जा को भी शामिल करने के लिए इस संपर्क को हमें और व्यापक बनाने की आवश्यकता है।