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भारत के राष्ट्रपति ने क्रोएशिया की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम दिन क्रोएशियाई-भारतीय आर्थिक मंच के साथ-साथ ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी संबोधित किया; उन्होंने क्रोएशिया को भारत के साथ साझेदारी करने और भारत में उपलब्‍ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया

राष्ट्रपति भवन : 27.03.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (27 मार्च, 2019) क्रोएशिया के ज़ाग्रेब में क्रोएशियाई-भारतीय आर्थिक मंच को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को क्रोएशिया में संस्कृति और आध्यात्मिकता की भूमि के रूप में जाना जाता है। ऐसा सही भी है, लेकिन क्रोएशियाई लोगों को उद्भवशील नए भारत की आर्थिक ऊर्जा, गतिशीलता और जोश का अनुभव करने की आवश्यकता है। भारत बदल रहा है और बहुत तेजी से बदल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय ने नवीन निवेशों के माध्‍यम से इन परिवर्तनों पर विश्वास की मुहर लगाई है। हमारे पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान, हमने 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किए हैं। चाहे व्यापार के माध्‍यम से हो या प्रत्यक्ष निवेश या संयुक्त सहकार्य (जॉइंट कोलैबोरेशन) के माध्यम से हो, भारतीय उद्योग जगत अब पूरी दुनिया में अपनी पहुंच बना रहा है। लेकिन प्राय: केवल संख्याओं से यह पता नहीं चल पाता है कि होने वाले भारी बदलाव कौन-कौन से हैं या उन बदलावों के साथ और कौन-कौन से आयाम जुड़े हुए हैं। उन्होंने क्रोएशिया को भारत के साथ साझेदारी करने और भारत में उपलब्‍ध हो रहे अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में, हम केवल निर्यात और आयात के संदर्भ तक ही अपनी सोच को सीमित नहीं रख सकते हैं, हमें ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित करने के लिए अपनी मूल्‍यवर्धन और आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करने पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारत-क्रोएशिया व्यापार परिषद् की स्थापना कर ली है। उन्होंने कहा कि हमें इसमें नई जान फूंकनी है और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में इसकी सहायता लेनी है। सरकारों के रूप में, हम व्यापार के लिए व्‍यवस्‍थाओं को सुगम बना सकते हैं, लेकिन अधिक से अधिक आर्थिक जुड़ाव के सच्चे वाहक तो व्यावसायिक समुदाय ही होते हैं। उन्होंने भारतीय और क्रोएशियाई व्यवसायों का आहवान किया कि वे व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश सहकार हेतु एक-दूसरे के साथ साझेदारी करें।

इसके उपरान्त, राष्ट्रपति ने ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित किया। संबोधन का विषय था- "भारत-क्रोएशिया संबंध - आगे की राह"।

सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय शिक्षा और शोध के केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है। भारत के लोग इस विश्वविद्यालय और विशेष रूप से भारत-विद्या (इन्डोलॉजी) पाठ्यक्रम के संचालन के लिए मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय के साथ विशेष जुड़ाव रखते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्थिर और समृद्ध लोकतंत्र के रूप में क्रोएशिया की प्रगति वास्तव में प्रेरणादायक है। भारत के एक प्रमुख वैश्विक साझेदार यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में इसकी यात्रा, क्रोएशिया के लिए एक नई शुरुआत का द्योतक है। मजबूत यूरोप हम सभी के लिए हितकर होगा-ऐसा यूरोप जिसे बहु-ध्रुवीय विश्व में बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने के लिए और वैश्विक शासन को सुदृढ़ करने तथा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और विनियमों का पालन सुनिश्चित करने में एक धुरी के रूप में कार्य जारी रखना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति समूह मौजूद है; भारत के 162 विश्वविद्यालय सालाना 4000 से अधिक डॉक्टरेट की उपाधियां प्रदान करते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में भारत का कौशल सर्वविदित है। भारत में एक संपन्न अनुसंधान और विकास सेवा बाजार है, जिसके 2020 तक 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। वैश्विक अनुसंधान और विकास व्यय के मामले में शीर्ष 1000 कंपनियों में से एक तिहाई केन्द्र अब भारत में मौजूद हैं। डिजिटल हाईवे से ऊर्जा प्राप्‍त करने वाली और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में हमारी अनुसंधान-प्रयोगशालाओं को एक साथ लाने, हमारे उद्यमियों को एक मंच प्रदान करने और हमारे लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के नए समाधान लाने की भारी गुंजाइश है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और क्रोएशिया एक साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अब नए युग की साझेदारी का निर्माण करना होगा- एक ऐसी साझेदारी जो आर्थिक तालमेल में, भू-राजनीतिक वास्तविकताओं में, प्रौद्योगिकी और नवाचार में, सातव्‍य एवं चौथी औद्योगिक क्रांति में, तथा दोनों देशों की शक्तियों और प्राथमिकताओं से जुड़ी हुई हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा क्रोएशिया में भारत के किसी राष्ट्रपति की पहली यात्रा है। उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत की दोस्ती का सन्देश देना और भारत के साथ मिलकर कार्य करने के लिए क्रोएशियाई लोगों, विशेष रूप से इसके युवाओं को आमंत्रित करना है।

राष्ट्रपति कल सुबह (28 मार्च, 2019) अपनी यात्रा के दूसरे चरण में- बोलिविया के लिए रवाना होंगे।