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भारत के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति ने राज्यपालों, उप-राज्यपालों और प्रशासकों के साथ COVID-19 के विरुद्ध किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की

राष्ट्रपति भवन : 27.03.2020

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द नेभारत के उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू के साथ मिलकरआज (27 मार्च, 2020) सभी राज्यों के राज्यपालों और संघ राज्य-क्षेत्रों के उप-राज्यपालों तथा प्रशासकों के साथ COVID-19 के प्रकोप से उत्पन्न अभूतपूर्व संकट का सामना करने की दिशा में भारत सरकार और राज्य सरकारों के प्रयासों को गति प्रदान करने के तरीके खोजने के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।

राष्ट्रपति ने समाज की सामूहिक शक्तिका आह्वान करते हुए सम्मेलन की शुरुआत की और राज्यपालों, उप-राज्यपालों तथा प्रशासकों से आग्रह किया कि वे भारतीय रेडक्रास सोसायटी के स्वयंसेवकों,स्वैच्छिक और धार्मिक संगठनों का सहयोग लेकर इस संकट की रोकथाम यथाशीघ्र करें।

राष्ट्रपति कोविन्द और उपराष्ट्रपति नायडू ने आशा व्यक्त की कि भारतीय समाज की "शेयरिंग एंड केयरिंग" अर्थात् ‘एक दूसरे के साथ सुख-दुख साझा करने और एक-दूसरे का ख्याल रखने की भावना’ की अंतर्निहित शक्ति और सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों के माध्यम से समाज के सर्वाधिक कमजोर वर्गों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों और निराश्रित लोगों की पीड़ा कम हो सकेगी। वीडियो-कॉन्फ्रेंस में, 14राज्यपालों और दिल्ली के उप-राज्यपाल को अपने-अपने क्षेत्रों के अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान किया गया क्योंकि इस महामारी से ये क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।

वीडियो-कॉन्फ्रेंस का संचालन उपराष्ट्रपति द्वारा किया गया और इसके माध्यम से देश में लागू लॉक डाउन के दौरान लोगों की परेशानी कम करने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा आरम्भ किए गए सर्वोत्तम प्रयासों के बारे में जानकारी मिली।

इस चर्चा का संबंध राज्यों में COVID-19 की स्थिति, कमजोर वर्गों के हितों पर ध्यान देने में रेड क्रॉस की भूमिका, और विशेष रूप से लॉकडाउन और वर्तमान स्थिति के कारण उभरती हुई अन्य चुनौतियों की स्थिति में, नॉवेल कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए संघ और राज्य सरकारों के प्रयासों को संबल प्रदान करते हुए सिविल सोसायटी/स्वैच्छिक संगठनों की भूमिका से था।

वीडियो-कॉन्फ्रेंस की शुरुआत महाराष्ट्र के राज्यपाल, श्री भगत सिंह कोश्यारी द्वारा इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा शुरू किए गए उपायों के बारे में जानकारी देने से हुई। केरल के राज्यपाल, श्री आरिफ़ मोहम्मद खान ने सरकार, स्वयंसेवी संगठनों, चिकित्सा पेशेवरों, पैरामेडिक्स और पुलिस की भूमिका की सराहना केरल में लोगों को सोशल-डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रेरित करने में समन्वित तरीके से काम करने के लिए की। उन्होंने सोशल-डिस्टेंसिंग के महत्व पर जोर देते हुए एक शेर सुनाया कि, "यूं ही बेसबब न फिरा करो, किसी शाम घर भी रहा करो”। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि राज्य में 1800 सेवानिवृत्त डॉक्टरों और एमबीबीएस विद्यार्थियों ने आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार की सहायता के लिए स्वैच्छिक तौर पर अपनी सेवाएं देने के लिए अपने नाम सूचीबद्ध कराए हैं। अपने जीवन में आए क्‍वारंटीन के कठिन समय से उबरने के लिए 375 मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं भी उचित सलाह के लिए ली जा रही हैं। केरल द्वारा उठाए गए इस अभिनव कदम को अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय पहल माना जा रहा है।

कर्नाटक के राज्यपाल, श्री वजूभाई वाला ने इस संकट से निपटने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की प्रशंसा की। राज्य में रेड क्रॉस सोसाइटी के लगभग 8000 स्वयं सेवक इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं। सामाजिक संगठन -अक्षय पात्र, पूरे राज्य में खाद्य सामग्री के पैकेट वितरित करने का कार्य भी सक्रिय रूप से कर रहा है।

हरियाणा के राज्यपाल, श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली के उप-राज्यपाल, श्री अनिल बैजल ने कहा कि राज्य सरकार और अन्य सभी एजेंसियां ​​लॉकडाउन लागू कराने और साथ ही साथ लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए पूरे समन्वय से काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उच्‍च स्‍तर पर उप-राज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रतिदिन बैठक कर रहे हैं। जिला स्तर पर, जिलाधीश और पुलिस उपायुक्य राहत कार्यों की उपलब्धता सुकर बनाने और सोशल-डिस्टेंसिंग के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं।

गुजरात के राज्यपाल, श्री आचार्य देव व्रत ने कहा कि राज्य में क्वारंटीन की सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु मीडिया के माध्यम से सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। चुनौती का सामना करने के लिए अपने संसाधनों को एकजुट करने हेतु सरकार, सामाजिक और धार्मिक संगठनों, निजी क्षेत्र की संस्‍थाओंस्वैच्छिक तथा सांस्कृतिक संगठनों द्वारा ठोस प्रयास आरम्भ करने के लिए गुजरात की सहकारी भावना का आह्वान किया गया है।

तेलंगाना की राज्यपाल, डॉ तमिलिसाई सौन्‍दरराजन ने बताया कि राज्य में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापक रूप से जागरूकता फैलाने के लिए राज्य में सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राजभवन के पास रहने वाले लगभग 800 जरूरतमंद परिवारों को भोजन मुहैया कराने के लिए राजभवन ने भी कदम उठाए हैं। श्री एम वेंकैया नायडू ने तेलंगाना के राज्यपाल को महामारी की गंभीरता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कलाकारों, फिल्मी सितारों, लेखकों और बुद्धिजीवियों की सहायता लेने का सुझाव दिया।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, श्री जगदीप धनखड़ ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर राज्य में विश्वविद्यालयों को उपयोग में लाए जाने की तैयारी है। इसके अलावा, अपने संसाधनों की सीमाओं के भीतर रेड क्रॉस भी लोगों को बीमारी के घातक प्रभाव के बारे में शिक्षित करने का उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।

हिमाचल के राज्यपाल, श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य में लोगों की सहायता करने के लिए रेड क्रॉस सोसायटी चौबीसों घंटे काम कर रही है। जनजातीय आबादी वाले जिलों में जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

बिहार के राज्यपाल, श्री फागु चौहान ने बिहार की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से निकटता के बारे में चर्चा की, जिसके कारण यह राज्य काफी असुरक्षित है और यहां इस बीमारी का प्रसार हो सकता है। तथापि, उन्होंने कोरोनावायरस से निपटने में बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। राज्‍य में कार्यरत रेड क्रॉस, अपने स्वयंसेवकों का उपयोग राज्य में जागरूकता फैलाने के लिए भी कर रही है और जिला प्राधिकारियों के उपयोग के लिए इनकी एम्बुलेंस भी उपलब्ध हैं।

तमिलनाडु के राज्यपाल, श्री बनवारीलाल पुरोहित ने बताया कि निर्माण श्रमिकों को चावल, दाल इत्यादि प्रदान करके उनकी देखभाल के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, पीडीएस के तहत आने वाले सभी चावल राशन कार्ड धारकों को 1000 रुपये नकद दिए जाएंगे। रियायती दर पर भोजन उपलब्‍ध कराने के लिए अम्मा कैंटीन का उपयोग किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल को फिल्मी कलाकारों, निजी क्षेत्रों और धार्मिक नेताओं की सहायता लेने की सलाह दी।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल, श्री लाल जी टंडन ने मध्य प्रदेश राज्य प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशंसा की। राज्य ने यह सुनिश्चित करने के उपाय किए हैं कि दैनिक वेतन भोगियों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी बताया किरेडक्रॉस राज्य में सराहनीय कार्य कर रहा है।

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक श्री वी. पी. सिंह बदनौर ने बताया कि चंडीगढ़ में भोजन के पैकेटों की आपूर्ति करने में रेड क्रॉस सहायता कर रहा है। COVID-19 के कारण उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए पंजाब और चंडीगढ़ द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

राजस्थान के राज्यपाल, श्री कलराज मिश्र ने बताया कि एक कोष बनाया गया है जिसमें लोग सुगमता से दान जमा करा सकते हैं। इस चुनौती से निपटने और लोगों के बीच उचित सोशल-डिस्टेंसिंग बनाए रखने में सभी संस्थाएं योगदान दे रही हैं।

दिल्ली के उप-राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक सहित 15 राज्यपालों द्वारा विचार साझा किए जाने के बाद, सम्मेलन का समापन करते हुए, राष्ट्रपति कोविन्द ने सभी से राज्य सरकार से नियमित तौर पर सूचना प्राप्त करते रहने और इस तरह से योगदान देने का आग्रह किया, ताकि निर्णायक लड़ाई लड़कर कोरोनावायरस के विरुद्ध विजय प्राप्त की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन अनुभवों के आधार पर, देश के अन्य हिस्सों में कतिपय सर्वोत्तम प्रयासों का अनुकरण किया जा सकता है।