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भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2016 बैच के 176 अधिकारियों ने राष्‍ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 27.07.2018

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2016 बैच के 176 अधिकारियों, जो वर्तमान में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव की श्रेणी मेंनियुक्‍त हैं, के एक समूह ने आज (27 जुलाई, 2018) राष्‍ट्रपति भवन में भारत के राष्‍ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द से भेंट की।

अ‍धिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा हमारी उत्कृष्ट अखिल भारतीय सेवा है। यह उन संस्थाओं में से एक है जो हमारे देश को जनसेवा की एकरूप संस्कृति और मान्‍यताओं को प्रोत्साहित करके एकसमान प्रशासन ढांचे और साझे प्रशासनिक लोकाचार में सूत्रबद्ध करता है।जिलों और राज्यों की राजधानियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के रूप में आप राष्ट्रीय और संघ सरकार के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इन्हें यदा-कदा स्थानीय हालात के अनुकूल बनाना या ढालना पड़ सकता है। ऐसा करते हुए, आप भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करते हैं। ऐसी स्थिति में, आपका दायित्व है कि हमारे अति विविधतापूर्ण देश में सरकार के प्रत्‍येक सोपान तक इस प्रतिष्ठित अखिल भारतीय सेवा की ज्ञान संपदा, विशेषज्ञता, अनुभव और निष्ठा के मानकों को पहुंचाएं।

राष्‍ट्रपति ने ध्‍यान दिलाया कि आपमें से अनेक अधिकारियों का सेवाकाल संभवत: भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ के समय अर्थात् इक्‍कीसवीं शताब्‍दी के पांचवें दशक में सचिवों के रूप में पूरा होगा। आज हम 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। 2040 से शुरू दशक तक हमारा सकल घरेलू उत्पाद बढ़कर आज से छह या सात गुना हो जाएगा।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के तौर पर, आपका दायित्व उस आकार की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और अवसरों से निपटने में अपने लोगों को समर्थ बनाने, हमारी सरकार को सक्षम बनाने और हमारे देश को तैयार करने का होगा। इसके लिए आपको अपने कार्य और कामकाज के तौर-तरीके में प्रौद्योगिकी का प्रयोग बढ़ाना होगा। इसके लिए, कृत्रिम सीमाओं को तोड़ने और सरकार को सिलसिलेवार बंद खांचों के तौर पर नहीं बल्कि एक निर्बाध सेवा प्रदाता के रूप में देखने की जरूरत होगी। सबसे बढ़कर, इसके लिए प्रशासन के स्वरूप तथा नागरिकों और सरकार के बीच के संबंधों में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत होगी।

यह विज्ञप्ति 1430 बजे जारी की गई।