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भारत के राष्ट्रपति कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ के हीरक जयंती समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए

राष्ट्रपति भवन : 27.08.2021

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आज (27 अगस्त, 2021) कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ के हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह में शामिल हुए और सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद की प्रतिमा का भी अनावरण किया; डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर निर्मित एक सभागार का उद्घाटन किया; और स्कूल की क्षमता को दोगुना करने तथा विद्यालय में बालिका छात्रावास संबंधी परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल देश में स्थापित प्रथम सैनिक स्कूल है। उन्हें यह जानकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई कि इस स्कूल को ऐसा पहला सैनिक स्कूल होने का गौरव भी प्राप्त है जिसने बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करना शुरू किया। यह पहला सैनिक स्कूल होगा जहां की बेटियां इस वर्ष एनडीए की परीक्षा में भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि यहां के अध्यापकों तथा विद्यार्थियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन की परंपरा स्थापित की है तथा अन्य सैनिक स्कूलों के लिए अच्छे प्रतिमान निर्धारित किए हैं।

राष्ट्रपति ने कैप्टन मनोज कुमार पांडेय को याद करते हुए कहा कि राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा हेतु उनके बलिदान के लिए सभी देशवासी उनके और उनके परिवार के सदैव ऋणी रहेंगे। कैप्टन मनोज कुमार पांडेय ने वीरता और बलिदान की अद्भुत व अमर गाथा लिखी है। सभी सैनिक स्कूलों के विद्यार्थियों में से वे परमवीर चक्र से सम्मानित एकमात्र योद्धा हैं।

डॉ. संपूर्णानंद को स्मरण करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब भारत स्वाधीन हुआ तो डॉक्टर सम्पूर्णानन्द जैसे स्वाधीनता सेनानियों ने ऐसी पीढ़ियों को तैयार करने के विषय में सोचा जो लंबे संघर्ष के बाद हासिल की गई अमूल्य स्वाधीनता की रक्षा कर सकें और एक अच्छे समाज का निर्माण करें। उनके अनुसार जहां ज्ञान होता है, वहां शक्ति होती है। उनके विचार में विद्यार्थियों के मस्तिष्क में जिज्ञासा होनी चाहिए और हृदय में विनम्रता होनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर सम्पूर्णानन्द जैसे स्वाधीनता सेनानियों और कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय जैसे स्वाधीनता के रक्षकों में एक आदर्श समान रूप से देखा गया है। वह आदर्श है - राष्ट्र-गौरव के लिए सब कुछ समर्पित कर देने की भावना। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे ही आदर्शों को ध्यान में रखते हुए, आप सभी विद्यार्थी और अध्यापक-गण, इस सैनिक स्कूल की प्रतिष्ठा को और अधिक बढ़ाएंगे तथा राष्ट्र-सेवा के गौरवशाली अध्याय लिखेंगे ।

वीवीआईपी आवागमन के दौरान यातायात प्रतिबंधों के कारण लोगों को होने वाली असुविधा के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति होने के अलावा, वे एक संवेदनशील नागरिक भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों को इस तरह से लागू किया जाए जिससे सामान्य यातायात में न्यूनतम व्यवधान उत्पन्न हो। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वीवीआईपी आवागमन के लिए समाधान पर काम करें कि ट्रैफिक पर 15-20 मिनट से अधिक समय के लिए रोक न लगाई जाए, और इस तरह के प्रतिबंधों के समय भी एमरजेंसी वाहनों जैसे एम्बुलेंस आदि को बिना रुकावट निकलने दिया जाए। उन्होंने वाहन चालकों और नागरिकों को ट्रैफिक-नियमों का पालन करते हुए यातायात अनुशासन बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करने की भी अपील की।