भारत के राष्ट्रपति ने ‘राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार’ प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 27.09.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (27अक्तूबर, 2017) नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ‘राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार’प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व स्तर पर पर्यटन सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। इसके विकास का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 1950 में ढाई करोड़ से बढ़कर 2016 में 123 करोड़ तक पहुंच गई है। पर्यटन और भ्रमण उद्योग का विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 10.2प्रतिशत का योगदान है। ऐसा अनुमान है कि दुनिया का हर दसवां व्यक्ति पर्यटन उद्योग में काम करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में भी एक बहुत बड़े वर्ग की रोजी-रोटी इसी उद्योग से जुड़ी हुई है। वर्ष 2016में,भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इस उद्योग का हिस्सा9.6 प्रतिशत तथा कुल रोजगार में 9.3 प्रतिशत था। स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने, और गरीबी दूर करने में पर्यटन उद्योग बहुत अधिक योगदान कर सकता है। एक आकलन के अनुसार,पर्यटन उद्योग में 10 लाख रुपए का निवेश करने से लगभग 90लोगों को जबकि इतनी ही राशि के निवेश से कृषि क्षेत्र में लगभग 45लोगों को,और विनिर्माण क्षेत्र में लगभग13लोगों को रोजगार मिलता है ।
राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी पर्यटन विकास से समावेशी आर्थिक विकास को बल मिल सकता है। प्रत्येक नागरिक को अपने स्तर पर पर्यटकों को अच्छा अनुभव प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए। पर्यटन संवेदी समाज में,सरकार की भूमिका केवल दिशा देने और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करने की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय,संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रयासों से आज शुरू किए गए ‘अडोप्ट ए हैरिटेज प्रोजेक्ट’ में हमारी समृद्ध और विविधितापूर्ण धरोहर को पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाने की पूरी क्षमता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह परियोजना सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझीदारी से हमारी धरोहर का रखरखाव करने में मददगार सिद्ध होगी।
यह विज्ञप्ति 1245 बजे जारी की गई