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भारत के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय अम्बेडकर कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 27.11.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (27 नवम्बर, 2017) नई दिल्ली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विधायकों और सांसदों के मंच द्वारा अयोजित अंतरराष्ट्रीय अम्बेडकर कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने सराहनीय रूप से उल्लेख किया कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर उच्च सार्वजनिक पद पर आसीन हुए और अभाव और असमानता की हालत का सामना करने के बावजूद अपनी असाधारण शैक्षिक उपलब्धियों के आधार पर प्रसिद्धि अर्जित की। डॉ. अम्बेडकर ने सार्वजनिक जीवन में सामाजिक अधिकारों के लिए संघर्ष पर जोर देते हुए, भारत में आधुनिक समाज के निर्माण में अपूर्व योगदान दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर जिन्हें संविधान का मुख्य निर्माता माना जाता है, ने हमारे लोकतंत्र को एक मज़बूत रूपरेखा प्रदान की। तथापि यह इतना लचीला है कि समय के हिसाब से इसमें संशोधन भी किया जा सकता है। संविधान, विश्व के विशालतम लोकतंत्र की जनता के सभी वर्गों की आशाओं को पूरा करने का मार्ग प्रदान करता है।

राष्ट्रपति ने संविधान और विधि शासन के दायरे में रह कर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के अनुसार किसी संविधान की सफलता का आधार केवल उसकी विषय-वस्तु ही नहीं है। संविधान की सफलता लोगों और राजनीतिक दलों पर निर्भर है जिसे लोग अपनी आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं को पूरा करने के साधन के तौर पर प्रयोग करते हैं।

यह विज्ञप्ति 1445 बजे जारी की गई