भारत के राष्ट्रपति मध्य प्रदेश में; डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के 27वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 28.04.2018
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (28 अप्रैल, 2018) डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के 27वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश और विशेषकर बुंदेलखण्ड क्षेत्र में उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। इस क्षेत्र में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की विशाल मौजूदगी के कारण, समाज के क्षमता विस्तार तथा विकास में योगदान के संबंध में इस विश्वविद्यालय की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि वह विश्वविद्यालय को सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण के स्रोत के रूप में देखते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ज्ञान और रोजगार प्राप्त करने की ही प्रक्रिया नहीं है। शिक्षा से व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है और उसकी व्यक्तिगत क्षमताओं में वृद्धि होती है। इससे किसी शिक्षित व्यक्ति को, दूसरों के लिए अवसर पैदा करने और नौकरी तलाश करने वाला बनने की बजाय नौकरी प्रदाता बनने में मदद मिलती है। इस संदर्भ में, उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में ‘उद्यमिता कक्ष’ स्थापित किया गया है। विचारों को कारोबारी उद्यमों में परिवर्तित करने में विद्यार्थियों को इससे मदद मिल रही है। उन्होंने नज़दीकी गांवों में मशरूम की पैदावार बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के विश्वविद्यालयों के प्रयासों की सराहना की।
शाम को, राष्ट्रपति ने सागर में सतगुरु कबीर साहेब महोत्सव में भाग लिया। यह महोत्सव, सतगुरु कबीर का 620वां प्रकटोत्सव मनाने के लिए आयोजित किया गया है। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि संत कबीर के समय में पिछड़े और कमजोर वर्गों की आवाज पूरी तरह सुनी नहीं जाती थी। ऐसी पृष्ठभूमि में, संत कबीर ने मानवता और समानता का संदेश दिया और बेज़ुबानों की ज़ुबान बने।
यह विज्ञप्ति 1615 बजे जारी की गई।