भारत के राष्ट्रपति ने गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन: 28.08.2021
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (28 अगस्त, 2021) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत का इतिहास गौरवमय रहा है। तक्षशिला में विश्व के प्रथम विश्वविद्यालय से लेकर नालंदा, उदंतपुरी, विक्रमशिला और वल्लभी के विश्वविद्यालयों की परंपरा कुछ समय के लिए धूमिल हो गई थी। परन्तु, हमारे वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और शिक्षकों ने पूरी दुनिया को अपनी मेधा एवं समर्पण-भावना से लगातार प्रभावित किया है। उन्होंने हम सभी के अंदर यह विश्वास जगाया है कि हमारे विद्यार्थी, ज्ञान व विचार की हमारी प्राचीन और सनातन परंपरा को आगे ले जाने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ऐसे ज्ञानवान विद्यार्थी तैयार किए जाएंगे, जो आत्मनिर्भर, सशक्त और स्वस्थ भारत का निर्माण करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में योग, आयुर्वेद, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा तो दी ही जाएगी; साथ ही साथ, समय की आवश्यकता को देखते हुए, रोजगार प्रदान करने वाले पाठ्यक्रमों का संचालन भी किया जाएगा। विश्वविद्यालय में जहां उच्चस्तरीय शोध को बढ़ावा दिए जाने की व्यवस्था की गई है, वहीं विद्यार्थियों की व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर भी, विशेष ध्यान दिया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी शिक्षा के उद्देश्य के बारे में ऐसी ही परिकल्पना की गई है। इसमें कहा गया है कि शिक्षा से चरित्र निर्माण होना चाहिए; शिक्षार्थियों में नैतिकता, तार्किकता, करुणा और संवेदनशीलता विकसित की जानी चाहिए और साथ ही उन्हें रोज़गार के लिए सक्षम बनाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य, हमारे संस्थानों की पाठ्यचर्या और शिक्षाप्रविधि में सुधार करना और छात्रों में अपने मौलिक दायित्वों एवं संवैधानिक मूल्यों, देश के साथ जुड़ाव तथा बदलते विश्व में नागरिकों की भूमिका एवं उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना भी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के प्रसार के माध्यम से सामाजिक उत्थान के लक्ष्य को लेकर 1932 में स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद्, उत्तर भारत में, विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग 50 शैक्षिक संस्थाओं का संचालन कर रही है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इन संस्थाओं में, विद्यार्थियों को, अत्याधुनिक ज्ञान विज्ञान की शिक्षा देने के साथ-साथ उनके समग्र व्यक्तित्व के विकास पर बल दिया जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्री गोरखनाथ की तपस्थली गोरक्षपीठ, सदियों से भारत के सामाजिक-धार्मिक जागरण में विशिष्ट भूमिका निभाती रही है। भारत के स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान, इस पीठ ने राजनीतिक पुनर्जागरण में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज के समय में भी, श्री गोरक्षपीठ जनजागरण, जनसेवा, शिक्षा और चिकित्सा सेवा का केन्द्र बनी हुई है।