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भारत के राष्ट्रपति ने केरल में उच्च न्यायालय के हीरक जयंती के विदाई समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 28.10.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (28 अक्तूबर, 2017) केरल में उच्च न्यायाल के हीरक जयंती के विदाई समारोह का आतिथ्य किया और उसे संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि केरल का उच्च न्यायालय जनता के अधिकारों और सिविल स्वच्छंदता के प्रति संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है। इस उच्च न्यायालय के निर्णयों ने हमारे देश में लोकतंत्र की परंपरा और सिविक स्वच्छंदता को प्रगाढ़ करने में योगदान दिया है। यह उच्च न्यायालय पर्यावरणीय और पारितंत्र मानकों और मानदंडों के समर्थन में अग्रणी है। इसने स्वच्छ वायु के लिए जनता के अधिकार; स्वच्छ जल के लिए जनता के अधिकार; स्वस्थ वातावरण के लिए जनता के अधिकार; राज्य के प्राथमिक संवैधानिक दायित्व के रूप में जनता को पर्याप्त मात्रा में साफ पेय जल की पूर्ति सौंपने और सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान पर प्रतिबंध लगाने पर महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका भारत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण और सम्मानित संस्थाओं में से एक है। इसकी निर्भीक और स्वतंत्र कार्यप्रणाली और क्षमता ने लोकतांत्रिक विश्व में भारत की विश्वसनीयता में संवर्धन किया है। प्रत्येक भारतीय को न्यायपालिका पर गर्व है और वह राष्ट्रीयता को बनाए रखने वाले मूल्यों से संबंधित निर्णयों और प्रतिबद्धता का सम्मान करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी विधि प्रणाली, जिसका आधार एक स्वतंत्र न्यायपालिका है, हमारी राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया का एक अनिवार्य अंग है। यह एक सुधारात्मक के रूप में कार्य करती है और विधि और प्राकृतिक न्याय की पवित्रता को बनाए रखती है। और यह संविधान में अंतर्निहित नैतिक मूल्यों के संरक्षक के रूप में कार्य करती है। यह सब को एक राष्ट्र निर्माण के न्याय वितरण की प्रक्रिया के साथ जोड़ती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय में देरी हमारे देश की एक गंभीर चिंता है। अकसर जिन्हें कष्ट होता है वे समाज के गरीब और वंचित तबके के लोग होते हैं। हमें मामलों के तुरंत निपटान सुनिश्चित करने के लिए तरीका निकालना होगा। हम एक ऐसा दृष्टिकोण भी अपना सकते हैं जो एक आपात स्थिति में इसमें कार्रवाई अपवाद स्वरूप ही स्थगित की जानी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे आम नागरिकों को इस विषय में पवित्र आस्था और विश्वास है कि न्यायपालिका सदैव उनके साथ रहेगी और उन्हें कभी क्षति नहीं पहुंचाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायपालिका सदैव उन बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरेगी जिसकी हमारी जनता अपेक्षा करती है।

यह विज्ञप्ति 1220 बजे जारी की गई