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भारत के राष्ट्रपति ने कानपुर में कानपुर बार एसोसिएशन के सभागार की आधारशिला रखी; इलाहाबाद में, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के शताब्‍दी समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति भवन : 29.06.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्‍द ने आज (29 जून, 2018) कानपुर में कानपुर बार एसोसिएशन के सभागार की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि विधिक पेशा एक नेक पेशा है। प्रत्‍येक वकील न्याय प्रणाली का एक अभिन्न अंग है।इसीलिए उसे ‘न्यायालय अधिकारी’ भी कहा जाता है। इस व्यापक परिप्रेक्ष्य से, प्रत्येक वकील न्यायालय और न्याय प्रणाली तथा समाज का मित्र होता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय की उपलब्‍धता न्‍यायिक अधिकारियों और वकीलों के समन्वय से और अधिक प्रभावी बन जाती है। इस संदर्भ में, बार संघों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कानपुर बार एसोसिएशन और लॉयर्स एसोसिएशन से न्यायिक प्रणाली के इस पक्ष को मजबूत करने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, जिला न्यायालयों के वकीलों की हड़ताल और न्याय प्रणाली के प्रति उनके असंतोष पर गौर किया गया है। ऐसी घटनाएं न्याय प्रक्रिया को बाधित करती हैं। सभी बार संघों को प्रयासपूर्वक ऐसी बाधाओं से बचना चाहिए।

बाद में, राष्ट्रपति ने इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के शताब्‍दी समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया तथा इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन सम्‍मेलन और पुनर्वास केन्‍द्र का उद्घाटन किया।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्‍सकों के हितों का ख्याल रखने के अलावा, मेडिकल एसोसिएशनों का सामाजिक और नैतिक दायित्व रोगियों विशेषकर गरीब वर्गों के रागियों हितों पर ध्यान देने को है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने नागरिकों को कम लागत पर पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए ‘राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन’, ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति’, और ‘आयुष्मान भारत’ योजना के अंतर्गत अनेक कदम उठाए हैं। दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में भी कमी की गई है। परंतु अंततोगत्‍वा, देशवासियों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्‍ध कराने में चिकित्सकों की ही भूमिका प्रमुख होती है।

यह विज्ञप्ति 1830 बजे जारी की गई।