भारत के राष्ट्रपति ने अयोध्या में रामायण कॉनक्लेव का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन: 29.08.2021
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कहा कि रामायण का प्रचार-प्रसार इसलिए आवश्यक है कि उसमें निहित जीवन-मूल्य मानवता के लिए सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे। वे आज (29 अगस्त, 2021) उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ‘रामायण कॉनक्लेव’ के उद्घाटन और पर्यटन तथा संस्कृति विभाग की योजनाओं के लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम के अवसर पर सम्बोधन दे रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका मानना है कि रामायण एक ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो राम-कथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को प्रस्तुत करता है।रामायण में दर्शन के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता भी उपलब्ध है जो जीवन के प्रत्येक पक्ष में हमारा मार्गदर्शन करती है। संतान का माता-पिता के साथ,भाई का भाई के साथ, पति का पत्नी के साथ,गुरु का शिष्य के साथ, मित्र का मित्र के साथ ,शासक का जनता के साथ और मानव का प्रकृति व पशु-पक्षियों के साथ कैसा आचरण होना चाहिए,इन सभी आयामों पर, रामायण में उपलब्ध आचार संहिता,हमें सही मार्ग पर ले जाती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार की ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत विकसित हो रहे रामायण सर्किट से जुड़े प्रकल्पों का आज लोकार्पण हुआ है। इनसे पर्यटकों और श्रद्धालुओं को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध होंगी। आज तुलसी स्मारक भवन के विस्तार तथा नवीकरण कार्यों का शिलान्यास भी एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि तुलसी स्मारक भवन परियोजना सेविश्व स्तर पर हो रहे रामायण एवं रामकथा से जुड़े शोध कार्यों में सहायता मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा किअयोध्या शोध संस्थान के तत्वावधान में एक वृहद विश्व-कोश तैयार किया जा रहा है जिसमें पूरी दुनिया में रामायण व भारतीय संस्कृति से जुड़ी उपलब्ध सामग्री का संकलन सुलभ रहेगा।
राष्ट्रपति ने रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन करके कला एवं संस्कृति के माध्यम से रामायण को जन-जन तक पहुंचानेके प्रयास करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया किरामायण के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
इससे पहले, राष्ट्रपति लखनऊ से एक स्पेशल ट्रेन से अयोध्या पहुंचे।