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भारत के राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन का उद्घाटन किया; उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत हमारी आंखों के सामने घटित हो रही क्रांतिकारी घटना है

राष्ट्रपति भवन : 29.09.2018

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्‍द ने आज (29 सितंबर, 2018) नई दिल्ली में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि 2030 तक पर्याप्त और समान स्वच्छता एवं साफ-सफाई तक सभी की पहुंच का लक्ष्‍य साधना, दुनिया के अनेक हिस्सों के लिए एक बड़ी चुनौती है। पेयजल, स्वच्छता और साफ-सफाई सतत विकास लक्ष्य 6, विशेषकर लक्ष्‍य संख्‍या 6.1, 6.2 और 6.3 की प्राप्ति के लिए अत्‍यावश्‍यक हैं। सतत विकास लक्ष्यों के उद्देश्‍य 6.2 में, देशों को खुले में शौच से मु‍क्‍त बनाने, बुनियादी शौचालय तक प्रत्येक व्‍यक्ति की पहुंच सुनिश्चित करने और मल के सुरक्षित प्रबंधन की प्रणालियों की स्थापना करना जरूरी बताया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता तक पहुंच में सुधार करने और खुले में शौच को समाप्त करने की चुनौतियां बहुत जटिल हैं। इनमें व्‍यापक तौर पर सामाजिक और आर्थिक निवेश किया जाना होता है। उपयुक्‍त शौचालय और समुचित साफ-सफाई एवं स्वच्छता की आदत के अभाव में कुपोषण की समस्‍या पैदा हो सकती है तथा जीवन भर नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी देश की तरह, भारत में भी हमारी मानव पूंजी और हमारे जन सांख्यिकीय लाभ को सुरक्षित बनाने और हमारे बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए ‘स्वच्छ भारत’ जैसा मिशन बहुत महत्‍वपूर्ण है। बालिकाओं के लिए शौचालय उपलब्ध न होने के कारण किसी भी बालिका को विद्यालय छोड़ना पड़े, ऐसी स्थिति नहीं आने देनी चाहिए। ऐसी घटनाएं हमारी सामूहिक चेतना पर एक दाग होंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत, हमारी आंखों के सामने घटित हो रही क्रांतिकारी घटना है। सामूहिक एकजुटता के साधन के रूप में, एक जन आंदोलन के रूप में और एक राष्ट्रीय लक्ष्य जिसके लिए लगभग पूरी प्रतिबद्धता दिखाई दे रही है, स्वच्छ भारत हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की भावना का प्रतिबिंब है। भारत 2 अक्टूबर, 2019 तक पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। गांधीजी के 150वें जन्मदिन पर उन्‍हें भेंट किया जा सकने वाला यह सर्वोत्तम उपहार होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की रूपरेखा, विश्व के प्रमुख स्वच्छता विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई है। इसकी पटकथा असाधारण विशेषता वाले साधारण भारतीयों, अप्रतिम रूप से साहसी, दूरदर्शी, सामाजिक समानुभूति और नागरिक गौरव से युक्‍त पुरुषों और महिलाओं द्वारा मिलकर लिखी गई है। व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उन्होंने अपने आस-पड़ोस, अपने गांवों और अपने शहरों और नगरों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए कार्य किया है। उन्‍होंने धीरे-धीरे दिन-प्रति-दिन प्रयास करके, व्यक्ति-दर-व्‍यक्ति, परिवार-दर-परिवार आगे बढ़ते हुए आम नागरिकों से अपना व्यवहार बदलने का आग्रह किया है। हमारे स्वच्छता आग्रही देश के सभी हिस्सों, समाज के सभी वर्गों, सभी समुदायों और सभी सामाजिक और आर्थिक समूहों से ताल्‍लुक रखते हैं।

68 प्रतिभागी देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में हासिल हमारी सफलताएं, स्वच्छता के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां, हमारी पद्धतियां और हमारी व्यवस्थाएं आप सभी के लिए आपकी आवश्यकतानुसार प्रयोग के लिए उपलब्ध हैं। बेहतर स्वच्छता तक पहुंच किसी एक देश या दूसरे देश के लिए कोई लक्ष्य या उद्देश्य नहीं है बल्कि यह मानवता का परस्पर जुड़ा हुआ साझा भविष्य है।

राष्ट्रपति ने 5 ऐसे महत्वपूर्ण विषयों का सुझाव दिया जिन्हें देश अपर्याप्त स्वच्छता की समस्या से निपटने के लिए अपना सकते हैं। ये विषय हैंयह सुनिश्चित करें कि लोग स्‍वयं ही स्वच्छता कार्यक्रमों की योजना, कार्यान्वयन और प्रबंधन का नेतृत्व करें; प्रभावी और कुशल सेवा संदाय के लिए स्मार्ट और किफायती प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करें; सेवा संदाय में सभी प्रकार की असमानताओं को दूर करें; स्वच्छता आंदोलन के वित्‍तपोषण, और सातत्‍य के लिए नवान्वेषी वित्तीय साधनों का सृजन करें; स्वच्छता कार्यक्रमों की योजना, कार्यान्‍वयन और निगरानी के लिए सरकारके अंदर क्षमता का विकास करें।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन का आयोजन पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की शुरुआत के उपलक्ष्य में तथा ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।

यह विज्ञप्ति 1210 बजे जारी की गई।