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भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 134वें पाठ्यक्रम की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया; कहा कि सशस्त्र बल भारत के बहुलवाद और भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व करते हैं:

राष्ट्रपति भवन : 30.05.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज प्रातः (30 मई, 2018 ) पुणे के निकट खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 134वें पाठ्यक्रम की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें एनडीए की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करके खुशी हुई है। सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होने के नाते, उनके लिए यहअवसर परम संतुष्टि दायक रहा। सशस्त्र बल पूरे देश के लिए उत्कृष्टता और समर्पण का प्रतीक हैं। इस परेड में भारत के सभी हिस्सों और विभिन्न समुदायों के कैडेट्स सम्मिलित हैं।इनके ताल-मेल से, एक समाज के रूप में हमारी मौलिक एकता और हमारे बहुलवाद का पता चलता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोई वर्दीधारी सैनिक या अधिकारी चाहे वह थल सेना, नौसेना या वायुसेना कहीं से भी हो, देश में हर जगह प्रशंसा और भरोसा जगाता है। यदि देश का कोई नागरिक रेलवे स्टेशनपरया बाजार मेंया किसी अन्य जगहपर सशस्त्र बलों के किसी सदस्य को देखता है, तो उसके मन में गर्व और सम्मान की भावना जाग्रत हो जाती है। युद्ध और शांति के समयया सीमा पर या देश के अंदरप्राकृतिक आपदा के दौरान राष्ट्र के प्रति उनकी असाधारणऔर निर्विवाद सेवा के कारण उनके प्रति यह भाव मौजूदहै। सशस्त्र बल भारतीय लोकाचार का सर्वोत्तम प्रतिनिधित्व करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनडीए सिर्फ एक प्रशिक्षण केंद्र ही नहीं बल्कि इससे बढ़कर कुछ है। यह वीरता और बहादुरी की कड़ी परीक्षा है। इसने कैडेटों और अधिकारियों की अनेकों पीढ़ियों के मन में राष्ट्रीय सेवा का संकल्प और भावनापैदा की है।अपनी इसी परंपराकी वजह से दिसंबर 1978 में राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने एनडीए को राष्ट्रपति के ध्वज से सम्मानित कियाथा।

कैडेटों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सशस्त्र बल केवल अपना काम ही नहीं कर रहे बल्कि वे हर आह्वान का जवाब देने वाले वीर हैं। और उनका आह्वानमानव-जातिकी एक दुर्लभ प्रजाति के प्रति आह्वान है। आज, कैडेट्स हमारे युवाओं के लिए रोल मॉडल, हमारी शांति और समृद्धिकी ज़िम्मेदारी संभालने वाले और हमारे देश के रक्षक बन गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज उत्तीर्ण होकर जा रहे कैडेट्स अपने पूर्ववर्ती अटल और निडर अधिकारियों के योग्य उत्तराधिकारी साबित होंगे।

यह विज्ञप्ति 1000 बजे जारी की गई।