Back

वार्षिक मिशन प्रमुख सम्मेलन के प्रतिभागियों ने राष्ट्रपति से भेंट की; राष्ट्रपति ने मिशनों के प्रमुखों से कहा कि आप भारत सरकार का ही प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं बल्कि आप एक अरब तीस करोड़ भारतीयों, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं

राष्ट्रपति भवन : 30.06.2018

वार्षिक मिशन प्रमुख सम्मेलन के प्रतिभागियों ने आज (30 जून, 2018) राष्ट्रपति भवन में, भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द से भेंट की।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि केवल भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में व्यापक स्‍तर पर परिवर्तन हो रहे हैं। प्रौद्योगिकी, संचार और सामाजिक आचार-विचार तेजी से बदल रहे हैं। आतंकवाद और अपारंपरिक खतरे निरंतर हमारी सुरक्षा के प्रति चुनौती पेश कर रहे हैं। ऐसे माहौल में भारत की प्रगति को कायम रखना आसान कार्य नहीं है। मिशन प्रमुखों के रूप में, उन्हें कार्यनीतिक चिंतन, त्वरित कारवाई में कुशल और बदलाव के प्रति स्‍वयं को ढालने में सक्षम बनना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में सरकार का कूटनीति के प्रति एक स्पष्ट और सुचिंतित दृष्टिकोण है। बाहरी दुनिया के साथ हमारे संबंधों की अग्नि परीक्षा यह है कि हम घरेलू विकास और प्रगति को आगे बढ़ाने में कितने सक्षम हैं। हमारे राजनयिक इस मामले में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। और ऐसा करते हुए उनसे और अधिक करने की अपेक्षा की जाती है खासतौर से जब देश की अभिलाषा रूपांतरकारी बदलाव की हो। भारतीय विकास गाथा और हमारे अग्रणी कार्यक्रम,चाहे मेक-इन-इंडिया, डिजिटल इंडिया हो या स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटीज या स्‍टार्ट-अप इंडिया-इन सबका बाहरी दुनिया के साथ संबंध बहुआयामी रहा है। राजनयिकों के रूप में यह आपके दायित्‍व का हिस्‍सा है कि आप नए निवेश जुटाएं, उपयुक्त प्रौद्योगिकियों की तलाश करें, मेक-इन-इंडिया उत्पादों के लिए बाजार सृजित करें और सर्वोत्‍तम कारोबारी परिपाटियों को भारत में ले आएं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ मिलकर काम करना हमारी वर्तमान कूटनीति का प्रमुख हिस्‍सा है। उन्होंने कहा कि उन्‍हें हमारे राज्यों और प्रवासी भारतीयों वाले देशों के बीच लोगों के आपसी संपर्क प्रोत्‍साहित करने में ‘जुड़वा व्यवस्थाओं’ का महत्व स्‍पष्‍ट दिखाई देता है। आज विदेश में रह रहे हमारे नागरिक एक देश के रूप में हम से पहले से अधिक उम्‍मीदें रखते हैं। उन्होंने इस संबंध में विदेश मंत्री के उत्कृष्ट नेतृत्व और कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा विदेश मंत्री ने जरूरत पड़ने पर विदेश में रह रहे लोगों तक पहुंचने की हमारी सरकार की क्षमता के प्रति उनमें एक नया भरोसा पैदा किया है। हमारे मिशनों और हमारे राजदूतों से अपेक्षा की जाती है कि वे जनता की जरूरतों के प्रति संवेदी, हमारे नागरिकों और प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहें। इसी प्रकार हमारी ई-वीजा योजना की सराहना की जा रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राजनयिकों को यह याद रखना चाहिए कि वे केवल भारत देश और भारत सरकार का ही प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं बल्कि वे एक अरब तीस करोड़ भारतीयों, उनकी आशाओं और उनकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे हमारी विविध और बहुलवादी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे हमारी 5000 वर्ष पुरातन सभ्यता की गंभीरता का प्रतिनिधित्व करते हैं और वे एक ऐसे समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं जो उतार-चढ़ाव से भरी इस दुनिया में मूलत: भलाई और स्थिरता की ताक़त है।

यह विज्ञप्ति 2000 बजे जारी की गई।