इटली के प्रधनमंत्री ने राष्ट्रपति से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 30.10.2017
इटली गणराज्य के प्रधानमंत्री महामहिम श्री पाओलो जेटिलोनी ने आज (30 अक्तूबर, 2017) राष्ट्रपति भवन में श्री राम नाथ कोविन्द से भेंट की।
भारत में इटली के प्रधानमत्री का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा प्रधानमंत्री पोडी की यात्रा के 10 वर्ष बाद हुई है और उनकी यात्रा भारत-इटली संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनो देश वर्ष 2018 में राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत और इटली प्राचीन सभ्यताएं हैं और उन्होंने पर्याप्त समय तक परस्पर एक दूसरे को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि भारत और इटली के बीच एक सशक्त आर्थिक भागीदारी है। तथापि,अभी इसमें और बेहतर करने की संभावना है। भारत द्वारा की गई सुधारात्मक पहलें, जिसमें सुविधाजनक रूप से व्यापार करना और जीएसटी भी शामिल है, इटली की कंपनियों को व्यापार के अवसर प्रदान करती हैं। भारत में अवसंरचनात्मक विकास स्वयं में 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर का अवसर है। हमारे जनता से जनता के संपर्क में वृद्धि हो रही है। आज भारत इटली में भारत इटली प्रौद्योगिकी और इसकी प्रगति और विकास से लाभ लेने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इटली की कंपनियां भारत के रेलवे, ऑटो, नवीकरणीय ऊर्जा और खाद्य प्रसंस्करण में भागीदार बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां इटली में अवसर तलाश कर रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा भारत और इटली में कई सामान्यताएं हैं जो उन्हें जोड़ती हैं। हमारे संबंध लोकतंत्र के साझे मूल्यों और कानून के नियम से गुंथे हुए हैं। भारत से सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति में भारत के योगदान की इटली द्वारा मान्यता की बहुत सराहना करता है। आज इटली में भारत के 2000 से अधिक छात्र हैं। इतना सब होने पर, हमारी संयुक्त रूप से अभिलाषा है कि हमारे संबंध मजबूत बने रहें।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि इटली विश्व खाद्य भारत 2017 में एक (फोकस कंट्री) के रूप में भाग लेगा। उन्होंने कहा कि इटली को विश्व में डिज़ाइन कैपिटल के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ‘डे ऑफ इटैलियन डिज़ाइन इन द वर्ल्ड’ मनाने के लिए श्री जेटिलोनी द्वारा व्यक्तिगत पहल की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष पूरे विश्व में 100 शहरों में मनाया गया यह समारोह एक बड़ी सफलता है और हम अगले वर्ष भारत में संयुक्त रूप से यह समारोह मनाने की उम्मीद करते हैं।
यह विज्ञप्ति 1915 बजे जारी की गई