भारत के राष्ट्रपति कानपुर पहुंचे; उन्होंने कंप्यूटर, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हाल में हुई प्रगति पर सम्मेलन का उदघाटन किया और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के प्रथम पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन को संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 30.11.2019
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज, (30 नवंबर, 2019) ‘पीएसआईटी कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन’ में कंप्यूटर, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी में हाल में हुई प्रगति पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी सामाजिक परिवर्तन का एक प्रमुख कारक है। स्वतंत्रता के समय एक गरीब राष्ट्र से चलकर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुके भारत के सफ़र में कुछ योगदान प्रौद्योगिकी का भी है। जब हमारा लक्ष्य, 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है, तब हमारी उम्मीदें फिर से प्रौद्योगिकी पर टिकी हैं कि यह अपनी भूमिका निभाएगी। हमें आर्थिक शक्ति बनाने के अलावा, ज्ञान के नए रूपों ने समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों के जीवन को, बेहतर बनाया है। इसके अलावा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति से जीवन के सभी क्षेत्रों में समता और बेहतरी आई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा होने पर भी प्रौद्योगिकी, केवल एक साधन भर है। चाहे आग हो या बिजली, ये दोनों शक्तियां योग्य अनुचर तो हो सकती हैं लेकिन ये कभी भी उतनी अच्छी स्वामिनी नहीं हो सकती। जब हम नवीनतम प्रौद्योगिकीय प्रगति पर विचार करते हैं, तो हमें मानवता पर इस प्रगति के निहितार्थों को ध्यान में रखना चाहिए। मानवता के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का उत्कृष्ट उदाहरण हमारे समक्ष, कानपुर में मौजूद है। दशकों से, ‘आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ (एएलआईएमसीओ) ने पुनर्वास उपकरणों का निर्माण करके दिव्यांग-जनों की सहायता की है, और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर भी निरंतर ध्यान केन्द्रित रखा है।
इसके बाद, राष्ट्रपति ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के प्रथम पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन में सभा को संबोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले महीने ही, राष्ट्रपति भवन में, उन्होंने आई.आई.टी.,दिल्ली में ‘एंडाउमेंट फंड’ की शुरुआत के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों के सहयोग से बनाए गए 250 करोड़ रुपए के ‘एन डाउमेंट फंड’ का लोकार्पण करते हुए मैं विचार कर रहा था कि सभी शैक्षिक संस्थाओं को इस प्रकार के ‘फंड’ स्थापित करने चाहिए। इस राशि का उपयोग, निर्धन व मेधावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने, संस्था का इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने तथा उन्नत प्रौद्योगिकी व संसाधन जुटाने में किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों से आग्रह किया कि इस विश्वविद्यालय में भी इस पहल को आगे बढ़ाया जाए। राष्ट्रपति ने अपनी अपनी ओर से, इस फंड में एक लाख ग्यारह हजार रुपए की राशि का योगदान दिया और अन्य सभी लोगों से भी इस कार्य में उदारतापूर्वक सहयोग करने का आग्रह किया।
बाद में शाम को, राष्ट्रपति कानपुर नगर निगम द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में में भाग लेंगे।