भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का 'खुले में शौच से मुक्त महाराष्ट्र' के शुभारंभ के अवसर पर सम्बोधन
नई दिल्ली : 01.10.2017
सबसे पहले मैं शुक्रवार 29 सितंबर को मुंबई में एलफिंस्टन रोड स्टेशन में हुए दु:खद हादसे के विषय में अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना पुनः व्यक्त करता हूँ।
मुंबई के निवासी हर प्रकार की चुनौतियों और दु:खों से उबरते हुए आगे बढ़ते रहने के लिए जाने जाते हैं। मैं मुंबई वासियों की इस विशेषता के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करता हूँ।
भारत के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद यह मेरी पहली मुंबई यात्रा है। यहाँ पहुँचने से पहले आज शिर्डी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन तथा साईबाबा समाधि मंदिर शताब्दी समारोह के उद्घाटन का मुझे सौभाग्य मिला।
लेकिन मेरी दृष्टि में आज का स्वच्छता से जुड़ा यह आयोजन पूरे राष्ट्र में चल रही एक बहुत बड़ी परिवर्तन यात्रा में मील का पत्थर है।
महाराष्ट्र के सभी शहरों के खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा के इस ऐतिहासिक और सुखद अवसर पर मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस जी को हार्दिक बधाई देता हूँ। साथ ही,उनकी'स्वच्छ महाराष्ट्र टीम'के सभी सदस्यों को बधाई देता हूँ। हमारी विशेष बधाई के हक़दार वे स्वच्छताकर्मी हैं जो जमीन से जुड़े हुए काम को अंजाम दे रहे हैं। इतनी व्यापक सफलता सबके सहयोग और भागीदारी से ही संभव हो सकती है। मैं महाराष्ट्र के सभी नगरवासियों को आज उनकी इस सफलता के लिए बधाई देता हूँ।
मुझे यह जान कर बहुत प्रसन्नता हुई है कि वर्ष 2015 की गांधी जयंती के दिन महाराष्ट्र ने यह संकल्प लिया था कि वर्ष 2017 की गांधी जयंती से पहले राज्य के सभी शहर खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिये जाएंगे। इस संकल्प को सिद्ध करके आप सब ने निश्चय ही एक आदर्श प्रस्तुत किया है। इस तरह महाराष्ट्र ने वर्ष 2019 की गांधी जयंती तक पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने की दिशा में एक लंबी दूरी तय कर ली है।
सन 2014 की गांधी जयंती के दिन से चल रहे स्वच्छ भारत मिशन के सभी लक्ष्यों को प्राप्त करना ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। केवल लक्ष्यों को प्राप्त ही नहीं करना है बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि स्वच्छता की सुविधाओं का स्थाई रूप से इस्तेमाल होता रहे और स्वच्छता का हम सब को निरंतर बोध बना रहे।
जैसा हम सब लोग जानते हैं, गंदगी किसी भी समाज के लिए अभिशाप है। मल से जो बीमारियाँ होती हैं उनके कारण होने वाला आर्थिक नुकसान देश के जीडीपी के 6.4% के बराबर आँका गया है। ऐसी बीमारियों से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अधिक परेशानी होती है। उनकी कमाने की क्षमता भी कम हो जाती है। यह कहा जा सकता है कि स्वच्छता के लिए काम करना सही मायनों में मानवता की सेवा है। स्वच्छता के लक्ष्यों के बारे में किसी भी तरह के समझौते की तनिक भी गुंजाइश नहीं है।
'ओ डी एफ' की घोषणा स्वच्छता की यात्रा की शुरुआत है। यह प्रसन्नता की बात है कि महाराष्ट्र में आप सब के इस सफल अभियान में सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान दिया जा रहा है।'ओ डी वाच' (OD Watch) के तहत निगरानी की आपकी योजना लोगों को सचेत करने और पुरानी आदतों को छोड़ने में सहायक होगी। मुझे उम्मीद है कि जैसे आप सब ने'ओ डी एफ' का संकल्प सिद्ध किया है वैसे ही'मैनेजिंग 100% वेस्ट' का भी अपना संकल्प आप सब सिद्ध करेंगे।
महाराष्ट्र की 49% आबादी शहरी इलाकों में रहती है। इस प्रकार लगभग आधा महाराष्ट्र आज खुले में शौच से मुक्त हो गया है। यह एक बड़ी सफलता है। मैं आशा करता हूँ कि ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरा राज्य निकट भविष्य में ही खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा।
आज जब पूरे देश में स्मार्ट सिटीज की योजना पर काम चल रहा है तो शहरों में स्वच्छता के साथ-साथ'स्मार्ट सैनीटेशन' और'स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट' पर काम होना ही चाहिए।
पूरे देश में शहरी आबादी में लगातार वृद्धि हो रही है। महाराष्ट्र द्वारा शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य और अनुभवों से अन्य राज्यों को उपयोगी जानकारी मिलेगी। इस तरह मिल-जुल कर सभी राज्य स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अधिक सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ सकते हैं।
कल गांधी जयंती है। महाराष्ट्र ने आज 'ओ डी एफ अरबन महाराष्ट्र'की घोषणा के द्वारा राष्ट्रपिता को सही अर्थों में श्रद्धांजलि अर्पित की है। वर्ष 2019 की गांधी जयंती तक भारत को पूरी तरह स्वच्छ राष्ट्र बनाने की दिशा में महाराष्ट्र ने आज निर्णायक योगदान दिया है।
स्वच्छ भारत की नींव पर ही स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत का निर्माण होगा। आइये हम सब भारतवासी मिलकर स्वच्छता की ओर एक और कदम बढ़ाएँ।
स्वच्छता अभियान एक बहुत बड़ा यज्ञ है। यह देश बदलने का अभियान है। हम सब को मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाना है और इस प्रकार, राष्ट्र निर्माता की भूमिका अदा करनी है।
अंत में मैं एक बार फिर महाराष्ट्र के नगरवासियों को 'ओ डी एफ' योजना कीसफलता के लिए बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि 'ओ डी एफ' की यह सफलता स्थायी बनी रहेगी और सभी नागरिक इसका लाभ उठाते रहेंगे।