भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का छत्तीसगढ़ राज्योत्सव (राज्य अलंकरण समारोह) के अवसर पर सम्बोधन
नया रायपुर: 05.11.2017
1. यह राज्योत्सव छत्तीसगढ़ की जनता के लिए महत्वपूर्ण है;और मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति के रूप में छत्तीसगढ़ की अपनी पहली यात्रा में,मैं इस उत्सव में शामिल हो रहा हूँ। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में दक्षिण कोसल का यह क्षेत्र प्रभु राम की माता कौशल्या का मायका रहा है।आदि कवि वाल्मीकि ने इसी धरती पररामायणकी रचना की थी।ऐसी पवित्र भूमि में आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने पर मुझे खुशी हो रही है।
2. आज यहां की प्रदर्शनी में राज्य सरकार के विभागों तथा निजी क्षेत्र के उद्यमों की कामयाबी की झांकी देख कर मेरा विश्वास और मजबूत हुआ है कि एकआदर्शआधुनिकराज्य की स्थापना करके छत्तीसगढ़ के निवासीएकउदाहरण पेश करेंगे।
3. आज जब मैंयहांस्वामी विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा तो स्वामी जी के जीवन की कुछ झलकियाँ याद आने लगीं। स्वामी जी ने अपनी किशोरावस्था के दो साल इस क्षेत्र में बिताए थे। कोलकाता के बाहर वह उनका सबसे लंबा प्रवास था। स्वामी जी द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन,आदिवासियों के विकास के लिए,नारायणपुर में 1980 के दशक से,निरंतर योगदान दे रहा है।नारायणपुर तथा अबूझमाड़ के पिछड़े और दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में मिशन का काम करने का जज्बा मैंने स्वयं अपनी आँखों से देखा है। वहाँ के घने जंगलों में आश्रम द्वारा चलाये जा रहे विद्यालय और अस्पताल सेवा भावना की मिसाल हैं।आदिम जन-जातियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ के विकास को स्वामी विवेकानन्द का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है।
4. छत्तीसगढ़ में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां के हरे-भरे जंगल,सुजल नदियां और खनिज संपदाएं विकास के अमूल्य स्रोत हैं। लेकिन इन सबसे बढ़कर हैं छत्तीसगढ़ के सरल और स्नेही लोग। यहां के लोगों में अपनी पहचान को लेकर एक मधुर सा गर्व का भाव है जिसे यहां की बोली में कहते हैं, "छत्तीसगढ़िया,सब ले बढ़िया।"
5. छत्तीसगढ़ की जनता के दिलों में बसने वाली विभूतियों के नाम पर अलंकरण प्रदान करने की परंपरा से मैं प्रभावित हुआ हूँ। मैं सभी सम्मानित व्यक्तियों और संस्थाओं को हार्दिक बधाई देता हूँ। साथ ही, कल्याण और विकास के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान की सराहना करता हूँ।
6. अठारहवीं सदी में इसी क्षेत्र में जनमे,बाबा गुरु घासीदास जी छत्तीसगढ़ की संत परंपरा में सबसे ऊपर हैं। उन्होने दलितों,पिछड़ों और महिलाओं को समानता के अधिकार दिलाने के लिए महान कार्य किये हैं। मुझे कल गुरु घासीदास की स्मृति में गिरौदपुरी में आयोजित किए जा रहे एक विशेष समारोह में जाने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है।
7. 1857 की आज़ादी की लड़ाई में मर मिटने वाले छत्तीसगढ़ के आदिवासी जन-नायक,शहीद वीर नारायण सिंह गरीबों और आदिवासियों के हितों के रक्षक थे। उनकी कहानी छत्तीसगढ़ का बच्चा-बच्चा जानता है।
8. इसी तरह, अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ जनजातीय क्षेत्र में अपने संघर्ष के कारण लोक-गीतों में अमर हो चुके गुंडाधूर की जीवनी भी सबको प्रेरणा देती है।
9. बीसवीं सदी के आरंभ में जनमी मिनीमाता ने गरीबी,अशिक्षा तथा पिछड़ापन दूर करने के प्रयास में अपना जीवन समर्पित कर दिया। आप सब जिस धरती की संतान हैं उसका इतिहास,अनेकों महान विभूतियों से भरा हुआ है, लेकिन मैंने कुछ का ही उल्लेख किया है।
10. तीजनबाई के पांडवानी कार्यक्रमों की लोकप्रियता यहां की लोक संस्कृति के व्यापक प्रभाव का उदाहरण है।
11. यहाँ के लोगों के हुनर का जादू उनके प्राचीन लोक शिल्प में देखने को मिलता है। देश विदेश में छत्तीसगढ़ में बनी कलात्मक चीजें सजावट के लिए रखी जाती हैं तथा उपहार के तौर पर दी जाती हैं। बस्तर के शिल्पी, घड़वा कला और काष्ठ कला के शानदार नमूने पेश करते हैं। मुझे यह जानकारी साझा करते हुए खुशी हो रही है कि बस्तर जिले के आदिवासियों के हुनर से बनी कलाकृति को मैंने राष्ट्रपति भवन में उचित स्थान दिया है।
12. एक तरफ सदियों पुरानी परम्पराएं यहां के जीवन को आधार देती हैं तो दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। नया रायपुर को world's first integrated smart eco friendly city के रूप में विकसित किया जा रहा है। मैंने चंडीगढ़, गांधीनगर और भुवनेश्वर की planned cities भी देखी हैं। नया रायपुर को, 21वीं सदी की आधुनिकता के साथ विकसित किया जा रहा है। यहां की चौड़ी सड़कें, वास्तुकला, भवन और हरियाली मिलकर town planning का आदर्श प्रस्तुत करते हैं। नया रायपुर छत्तीसगढ़ के विकास का एक मापदंड बन गया है।
13. नया राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ ने जन कल्याण और विकास के क्षेत्र में कई ऐसे काम किए हैं जिन्हे पूरे देश में सराहा गया है,और जिनसे अन्य राज्यों ने बहुत कुछ सीखा है:
·‘खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कानून’बनाने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है। लगभग 60 लाख परिवारों के लिए सस्ता राशन और पोषक आहार सुलभ कराया जाता है। पहले वनवासी भाइयों और बहनों की कमाई का बहुत
बड़ा हिस्सा नमक पर ही खर्च हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। राशन व्यवस्था के तहत सभी को मुफ्त नमक देने का काम सही मायने में अंत्योदय का काम है।
·56 लाख परिवारों कोsmart card के जरिये नि:शुल्क उपचार की सुविधा दी गई है।
·किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज की दर पर कृषि ऋण देने की व्यवस्था के कारण ऋण वितरण की राशि में 50 गुना बढ़ोतरी हुई है।
·बालिकाओं के लिए स्कूल से लेकर कॉलेज तक नि:शुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है।
·भारत सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों के‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’में 2 लाख से कम आबादी वाले शहरों में अम्बिकापुर को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस सफलता में महिलाओं की प्रमुख भूमिका रही है
14. आज यहाँ आने से पहले मैंने‘शहीद स्मारक’जा कर वीर जवानों के सम्मान में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में राज्य के लोगों की सुरक्षा और राज्य की अस्मिता को बनाए रखने के पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए हैं। हम सब को सदा याद रखना चाहिए कि उन जवानों ने अपनी कुर्बानी न दी होती तो आज हम यह उत्सव न मना रहे होते।
15. पिछले महीने राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपाल सम्मेलन में आपके राज्यपाल महोदय ने छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों और चुनौतियों पर बहुत उपयोगी चर्चा की थी।
16.आदिवासियों, दलितों, गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं तथा समाज के अन्य वर्गों और हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के नेतृत्व में सराहनीय काम हुआ है। इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ प्रशासन और जनता को बधाई देता हूँ।
17. छत्तीसगढ़ का विकास, पूरे देश के विकास का उदाहरण बन सकता है।‘छत्तीसगढ़ महतारी महिमा’नाम की बहुत सुंदर कविता में भी यही भाव मुझे देखने को मिला:
जय जय छत्तीसगढ़ महतारी,भारत के सच्छात चिन्हारी।