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भारत के राष्‍ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द का स्वच्छ महोत्सव 2019 में सम्‍बोधन

नई दिल्ली : 06.09.2019

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1. आज के सभी पुरस्कार विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई!

आप सब पुरस्कार विजेताओं ने स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और दूसरों को भी प्रेरित किया है। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को एक जन-आंदोलन बनाने में, आप सबकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अतः आप सब विशेष प्रोत्साहन और सम्मान के हकदार हैं। आप सबके बीच यहां आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।

2. समाज और राष्ट्र के निर्माण में स्वच्छता की बुनियादी भूमिका के बारे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को प्रधानमंत्री ने अपने विजन से एक सुनियोजित अभियान का रूप दिया है। प्रधानमंत्री ने, 2014 में गांधी जयंती के अवसर पर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का शुभारंभ करते हुए इस वर्ष 2 अक्तूबर को यानि गांधीजी की 150वीं जयंती के दिन इस अभियान के पहले चरण को सम्पन्न करने का लक्ष्य भी तय किया है। यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि हम ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के पहले चरण के लक्ष्यों को पूरा करने के अत्यंत समीप हैं।

3. Department of Drinking Water and Sanitation ने अपने अनवरत प्रयासों से पिछले पांच वर्षों के दौरान इस अभियान में सराहनीय सफलता अर्जित की है। इसके लिए मैं जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं।

4. ‘स्वच्छ भारत अभियान ’की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि यह अभियान केवल सरकार का अभियान न होकर हर भारतवासी का अभियान बन गया है। स्वच्छता के काम को हर किसी ने अपनी ज़िम्मेदारी समझकर निभाया है।

5. सितंबर, 2017 में मुझे‘स्वच्छता ही सेवा’कार्यक्रम का उद्घाटन करने का सुअवसर मिला था। वहां उपस्थित सिविल सोसाइटी,सैन्य बलों, इंटर-फेथ ग्रुप, NCC-NSSजैसे युवा संगठनों,पंचायती राज संस्थाओं और कॉर्पोरेट सेक्टर द्वारा श्रमदान और सक्रिय भागीदारी के संकल्प को देखकर मुझे पूरा विश्वास था कि‘स्वच्छ भारत अभियान’ दिनों-दिन मजबूत होता जाएगा। मुझे बताया गया है कि वर्ष 2017 और 2018 में आयोजित किए गए‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रमों में 10 करोड़ से भी अधिक लोगों ने भाग लिया है। आज देश में पांच लाख से भी अधिक स्वच्छाग्रही दिन-रात मेहनत करके लोगों में स्वच्छता की भावना का संचार कर रहे हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 15 करोड़ विद्यार्थियों ने स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी की है। मुझे उम्मीद है कि ऐसे विद्यार्थी स्वच्छता की सामूहिक संस्कृति को भविष्य में भी मजबूत बनाएंगे।

6. केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों,विभिन्न समुदायों व संस्थानों और आम जनता के सहयोग से इस अभियान ने अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है। आज के पुरस्कार विजेताओं में भी अनेक क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हैं। मैं स्वच्छता द्वारा राष्ट्र-निर्माण में योगदान देकर पुरस्कृत होने के लिए रेल मंत्रालय,रक्षा मंत्रालय, सिक्किम और गुजरात की राज्य सरकारों, पावर ग्रिड कार्पोरेशन तथा श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के प्रबंधन को बधाई देता हूं। आज के तीन युवा विजेता, नेहरू युवक केंद्र के श्री बी. जीवन कुमार, NCC की सुश्री रंजीता और NSSके श्री चंद्रप्रकाश विशेष बधाई के पात्र हैं। उत्तराखंड के बाघोरी गांव के सभी निवासी स्वच्छता चैम्पियन कहलाने के हकदार हैं।

देवियो और सज्जनो,

7. स्वच्छता अभियान में भारत की सफलता से प्रेरित होकर अनेक देश हमसे सीखना चाहते हैं और हम उनके साथ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। सन 2018 में आयोजित महात्मा गांधी इंटरनेशनल सैनिटेशन कनवेंशन का उद्घाटन करने का सुअवसर मुझे मिला था। उस कनवेंशन में 70 देशों ने भागीदारी की थी। उसके बाद हमारे देश के स्वच्छता अभियान के बारे में अन्य देशों की जिज्ञासा और भी बढ़ी है।

8. यह उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित किए गए विभिन्न Sustainable Development Goals को सन 2030 तक हासिल किया जाना है। लेकिन, भारत 11 वर्ष पहले यानि 2019 में ही स्वच्छतासे जुड़े लक्ष् यप्राप्त करने वाला है। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए देश के सभी नागरिक,विशेष रूप से आप सभी पुरस्कार विजेता बधाई के पात्र हैं।

9. स्वच्छता से जुड़ी एक बहुत बड़ी उपलब्धि इसी वर्ष सम्पन्न हुए प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में दर्ज की गई। विश्व की सबसे बड़ी टेम्परेरी टेन्ट सिटी,कुम्भ नगरी,में लगभग 25 करोड़ यात्री आए थे। लगभग एक लाख बीस हज़ार शौचालयों की व्यवस्था के साथ-साथ,हर जगह सफाई बनाए रखने के लिए जो कार्य वहां किया गया,उसे अनेक देशों ने सराहा है। मुझे स्वयं प्रयागराज कुम्भ में जाने और वहां की व्यवस्था,विशेषकर स्वच्छता प्रबंधन का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ था। कहा जा सकता है कि प्रयागराज कुम्भ में गांधीजी की अपेक्षाओं के अनुरूप स्वच्छता की व्यवस्था करके उनके प्रति सच्चा सम्मान व्यक्त किया गया है।

10. गांधीजी चाहते थे कि स्वच्छता सर्वत्र बनी रहे। उनका स्वच्छता का पैमाना बहुत ही सरल और प्रभावशाली है। महात्मा गांधी ने कहा था कि, "हमारी सड़कें, हमारी गलियां,हमारे आंगन इतने स्वच्छ होने चाहिए कि हमें वहां बैठना अथवा सोना पड़े तो तनिक भी हिचकिचाहट न हो”।

देवियो और सज्जनो,

11. मुझे प्रसन्नता है कि आज हमारा देश‘खुले में शौच से मुक्त’ होने के लक्ष्य के बहुत करीब है। लगभग 10 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। 55 करोड़ से अधिक आबादी खुले में शौच करने की आदत से मुक्त हो गई है। इस प्रकार करोड़ों लोगों के जीवन में अच्छा परिवर्तन आया है।

12. स्वच्छता अभियान द्वारा हमारे समाज में एक नई चेतना का संचार हुआ है। कई ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जब हमारी बेटियों ने होने वाली ससुराल में शौचालय न होने के कारण शादी से इनकार कर दिया है। घर-घर में शौचालय बनने तथा स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा होने से हमारी बहू-बेटियों की गरिमा की रक्षा की जा सकी है। कुछ क्षेत्रों में,इन शौचालयों को‘इज्जत-घर’का नाम भी दिया गया है। इससे महिलाओं की दिनचर्या और स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ा है। इस प्रकार, स्वच्छता अभियान,महिलाओं के सशक्तीकरण में सहायक सिद्ध हुआ है।

13. स्वच्छता अभियान में पहले चरण की सफलता को मजबूत बनाते हुए अगले चरण के लक्ष्य प्राप्त करने हैं। इसके लिए स्वच्छता की संस्कृति को सभी देशवासियों द्वारा और भी गहराई से आत्मसात करना होगा। स्वच्छता अभियान के पहले चरण में स्थापित की गई सुविधाओं के रख-रखाव पर ध्यान देना होगा। इस अभियान को उत्साह के साथ आगे बढ़ाते हुएODF Plusके लक्ष्यों को प्राप्त करना होगा। साथ ही,स्वच्छता के व्यापक अर्थ को अपनाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा। उदाहरण के लिए पीने का साफ पानी उपलब्ध कराना भी स्वच्छता के दायरे में आता है। भारत सरकार द्वारा इसी वर्ष शुरू किए गए‘जल-जीवन मिशन’की सफलता के लिए भी स्वच्छता एक अनिवार्य शर्त है। कहा जा सकता है कि स्वच्छता ही स्वास्थ्य की‘मास्टर-की’ है यानि कुंजी है।

14. मुझे विश्वास है कि आप सबसे प्रेरणा लेकर हर भारतवासी स्वच्छता द्वारा राष्ट्र-निर्माण में अपनी सार्थक भूमिका निभाएगा। और ऐसे‘स्वच्छ भारत’ की नींव पर ही‘स्वस्थ भारत’ और‘समृद्ध भारत’ का निर्माण होगा। स्वच्छता के लिए असाधारण योगदान देने वाले आज के आप सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं एक बार फिर बधाई देता हूं।

धन्यवाद

जय हिन्द!